वॉशिंगटन। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को लेकर अपनाई गई नीति का एक तरह से समर्थन करते हुए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में विदेश मंत्री के तौर पर नामित टोनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका की द्विदलीय प्रणाली व्यवस्था में भारत के प्रति पूर्ववर्ती सरकारों का हमेशा से सहयोगात्मक रुख रहा है।
विदेश मंत्री के पद के लिए अपने नाम पर पुष्टि को लेकर ब्लिंकेन मंगलवार को सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को लेकर अमेरिकी प्रशासन की नीतियां सफल रही हैं। करीब 4 घंटे से ज्यादा समय तक चली इस सुनवाई में एक सीनेटर के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह संबंध (भारत के साथ) पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल की समाप्ति के साथ शुरू हुआ था और ओबामा प्रशासन के दौरान रक्षा खरीद और सूचनाओं के साझा करने के साथ और प्रगाढ़ हुआ।
उन्होंने कहा कि हिन्द-प्रशांत की अवधारणा को ट्रंप प्रशासन ने आगे बढ़ाया और भारत के साथ काम करना सुनिश्चित किया ताकि संबंधित क्षेत्र में चीन समेत कोई भी देश उसकी संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सके। अमेरिका, भारत के साथ आतंकवाद की चिंताओं पर भी काम कर रहा है। ब्लिंकेन ने कहा कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें दोनों देश साथ काम कर संबंधों को और प्रगाढ़ बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवीकरणीय ऊर्जा और विभिन्न तकनीकों की मजबूती से वकालत करते हैं। मेरा मानना है कि दोनों देशों के साथ काम करने की मजबूत संभावनाएं हैं। ब्लिंकेन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल के दौरान उप विदेश मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं, वहीं बाइडन जब उपराष्ट्रपति थे तो ब्लिंकेन उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे और वे बाइडन के विश्वासपात्र हैं। (भाषा) (Photo Corstey : Twitter)