वॉशिंगटन। अमेरिका ने अप्रैल में 54 भारतीयों को वापस भारत भेजा है। शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस महीने भारतीयों का एक और दल भारत भेजा जाएगा।
वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों के सहायक विदेश मंत्री माइकल थॉरेन बॉन्ड ने दोषी विदेशी अपराधियों को स्वदेश भेजने के मुद्दे पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा कि भारत ने हटाए जाने के अंतिम आदेशों के तहत अपने नागरिकों को यात्रा दस्तावेज समय से जारी करने में सुधार किया है।
बॉन्ड ने बताया कि अप्रैल 2016 में आईसीई (अमेरिकन इमीग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्समेंट)चार्टर विमान से 54 भारतीय नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं। भारत सरकार जुलाई 2016 में भी चार्टर विमान भेजने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने बताया कि भारत के सकारात्मक रास्ते पर होने से हम प्रोत्साहित हैं। मुश्किल मामलों पर बातचीत करने और प्रक्रियाओं को सरल तथा प्रभावी बनाने के लिए हमने हाल ही में त्रैमासिक बैठक शुरू की है। इसके जरिए इस मुद्दे पर हम भारत के साथ जुड़े रहेंगे।
सीनेट ज्यूडिशयरी कमेटी के अध्यक्ष चक ग्रेसले ने पिछले महीने होमलैंड सिक्युरिटी मंत्री जेन जॉनसन को पत्र लिखकर कहा था कि भारत और चीन समेत 23 देश अमेरिका में अवैध रूप से मौजूद अपने नागरिकों को वापस बुलाने में सहयोग नहीं कर रहे। पत्र में ओबामा प्रशासन से अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने और उन्हें प्रवासी तथा गैर-प्रवासी वीजा जारी करना बंद कर देने को कहा था।
बॉन्ड ने कहा कि विदेश विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्युरिटी इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
बॉन्ड ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के समक्ष हम उचित स्तरों पर इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। जुलाई 2016 में वॉशिंगटन में होने वाली अमेरिका-भारत होमलैंड सिक्युरिटी वार्ता में भी इस मसले को उठाया जाएगा। बॉन्ड ने बताया कि वे वार्षिक वाणिज्य दूतावास द्विपक्षीय वार्ता के लिए अगस्त में दिल्ली जाएंगे।
उन्होंने बताया कि बीते कुछ वर्षों की तरह मैं इस मामले को भारतीयों के समक्ष उठाऊंगा और इस बात के लिए दबाव बनाऊंगा कि भारत सरकार निष्कासन के अंतिम आदेशों के तहत अपने नागरिकों की स्वदेश वापसी स्वीकार करने एवं यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे।
उन्होंने कहा कि नवंबर 2015 में अमेरिका-भारत के बीच हुई वाणिज्य दूतावास स्तर की बातचीत के बाद से निष्कासन की प्रक्रिया में तेजी आई है लेकिन यह अब भी पर्याप्त नहीं है। इस बातचीत के दौरान विदेश और होमलैंड सिक्युरिटी विभाग ने मुद्दे का जल्द हल निकलने पर जोर दिया था।
बॉन्ड ने कहा कि भारत सरकार और अमेरिका में इसके राजनयिक मिशनों के साथ विभिन्न स्तरों पर हुई वार्ताओं के बाद भारत ने अपने उन नागरिकों को यात्रा दस्तावेज जारी करने में तेजी दिखाई है जिन्हें वापस भेजे जाने पर अंतिम फैसला आ चुका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा उपसमिति के अध्यक्ष रॉन डेसांटिस ने बताया कि आईसीई के मुताबिक वापस भेजे जाने का अंतिम आदेश पा चुके 9,50,000 विदेशी लोग अब भी अमेरिका में ही हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना अनुचित नहीं होगा कि अगर कोई देश में अवैध रूप से आता है और यहां पर हत्या का दोषी साबित होता है तो उस व्यक्ति को देश से बाहर करना सरकार की सबसे अहम प्राथमिकता होगी। (भाषा)