वॉशिंगटन। अमेरिका ने अपने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस सैन्य परिवहन विमान के बेड़े की मदद के रूप में भारत को 9 करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों और सेवाओं की बिक्री की मंजूरी दे दी है।
रक्षा विभाग की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने गुरुवार को कहा कि यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने तथा एक 'प्रमुख रक्षा साझेदार' की सुरक्षा को दुरुस्त करने में मदद करके अमेरिका की विदेश नीति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करेगी।
डीएससीए ने अमेरिकी कांग्रेस को एक प्रमुख बिक्री अधिसूचना जारी कर कहा कि हिन्द-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति बना हुआ है। भारत ने जो अनुरोध किए हैं, उनमें विमानों में खप सकने वाले कलपुर्जे और मरम्मत तथा वापसी वाले पुर्जे, कारट्रिज एक्चुएटिड उपकरण या प्रोपेलेंट एक्चुऐटिड उपकरण (सीएडी या पीएडी), अग्निशमन कारट्रिज, आधुनिक रडार चेतावनी रिसीवर शिपसेट और जीपीएस आदि शामिल हैं। इनकी कुल कीमत 9 करोड़ डॉलर है।
पेंटागन ने कहा कि प्रस्तावित बिक्री सुनिश्चित करेगी कि पहले खरीदे जा चुके विमान भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की परिवहन जरूरतों, स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता तथा क्षेत्रीय आपदा राहत के लिए प्रभावी तरीके से काम कर सकें।
उसने कहा कि उपकरणों और सेवाओं की यह बिक्री वायुसेना को सी-130जे परिवहन विमानों के संदर्भ में मिशन के लिहाज से तैयार रहने की स्थिति में रखेगी। भारत को इस अतिरिक्त सहायता को प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी। पेंटागन के अनुसार इन उपकरणों की प्रस्तवित बिक्री क्षेत्र में मूलभूत सैन्य संतुलन को नहीं बदलेगी। प्रमुख अनुबंधकर्ता लॉकहीड-मार्टिन कंपनी (जॉर्जिया) होगी। अमेरिका ने 2016 में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत को 'प्रमुख रक्षा साझेदार' घोषित किया था। (भाषा)