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पाकिस्तान में परवेज मुशर्रफ को बड़ा झटका

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इस्लामाबाद , रविवार, 15 अक्टूबर 2017 (11:22 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने जजों को जबरन बंधक बनाकर रखे जाने के मामले में पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को जमानत पर रिहा किए जाने के एवज में उनके गारंटरों की ओर से जमा कराई गई दस लाख रुपए की मुचलका राशि को जब्त कर लिया है।
 
समाचार पत्र द डान के अनुसार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जून 2013 में देश के पूर्व सैन्य शासक को इस मामले में रिहा किया था और उन्हें पांच-पांच लाख रुपए के दो मुचलके भरने के निर्देश भी दिए थे। उनकी तरफ से दो गारंटरों मुश्ताक अहमद और राशिद महमूद ने मुचलके की राशि के तौर पर अपनी संपत्ति के दस्तावेत अदालत में जमा कराए थे।
 
शुक्रवार को अदालत में कार्यवाही के दौरान दोनों गारंटरों ने अपनी संपत्ति से जुड़े रिहा करने की मांग की थी और यह कहा था कि इनके एवज में वे दस लाख रुपए अदालत में जमा करा देंगे जिन्हें अदालत चाहे तो जब्त कर सकती है।
 
अदालत ने पहले ही आपराधिक दंड संहिता की धारा 514 के तहत दोनों गारंटरों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी थी और इसमें प्रावधान है कि मुचलकों को धनराशि के रूप में तब्दील किया जा सकता है और इसी आधार पर अदालत ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी।
 
आंतकवाद निरोधक अदालत ने दो फरवरी को इन्हें नोटिस जारी किए जिनमें कहा गया था कि उनके जमानती बाँड को जब्त किया जा सकता है लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
 
अदालत ने हाल ही के अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष की दलीलें पहले ही समाप्त हो चुकी हैं और जनरल मुशरर्फ के खिलाफ पहले ही बेमियादी गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके हैं।
 
इस मामले में भगौड़ा घोषित हो चुके जनरल मुशर्रफ के अदालत में पेश नहीं होने के कारण अंतत: इन बांडों को जब्त किया जाता है।
 
गौरतलब है कि यह मामला तीन नवंबर 2007 का है जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने आपातकाल की घोषणा करते हुए उच्चतम न्यायालय के 60 से अधिक न्यायाधीशों को बंधक बनाने के आदेश दिए थे। इस मामले में स्थानीय वकील चौधरी मोहम्मद असलम घुम्मन ने 11 अगस्त 2009 को मुशरर्फ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। (वार्ता) 

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