बेरूत। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाई हमलों की घोषणा करने के बाद सीरिया की राजधानी शनिवार सुबह तेज विस्फोटों से दहल उठी और आसमान में घना धुआं छा गया। वहीं, रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए हैं।
ट्रंप ने हमले का आदेश सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमलों में करीब 40 लोगों की मौत के बाद दी थी। सीरिया की वायु रक्षा सेवा ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के इन संयुक्त हमलों का जवाब भी दिया। पूर्वी दमिश्क से धुआं निकलता देखा और जहां आसमान में धुएं का गुबार छा गया।
सीरियाई सरकारी टेलीविजन ने दिखाया कि वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र पर हमला हुआ और सीरिया के वायु रक्षा ने दक्षिणी दमिश्क की ओर आ रहे 13 रॉकेटों को हवा में ही नाकाम कर दिया। हमले के बाद सीरिया के राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, 'अच्छे लोगों को अपमानित नहीं किया जाएगा।'
सीरियाई सरकारी टीवी ने कहा कि हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं और यह अंतरराष्ट्रीय वैधता की अवमानना दर्शाता है।
अमेरिका में रूस के राजदूत एनातोली एंतोनोव ने एक बयान में कहा कि एक बार फिर, हमें धमकाया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि हम आगाह करते हैं कि ऐसी कार्रवाई को बिना परिणाम भुगते नहीं छोड़ा जाएगा। इसकी सारी जिम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस पर है। रूस के राष्ट्रपति का अपमान करना अस्वीकार्य और अमान्य है।
इस बीच, मॉस्को में रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने फेसबुक पर लिखा, 'इन सबके पीछे जिम्मेदार लोग दुनिया में नैतिक नेतृत्व का दावा करते हैं और यह ऐलान करते हैं कि वे कुछ अलग हैं। आपको उस समय सीरिया की राजधानी पर हमले करने के लिए वास्तव में अलग होने की जरुरत है जब उसके पास शांतिपूर्ण भविष्य का मौका था।'
ट्रंप ने शुक्रवार रात अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को कथित रासायनिक हमले के लिए दंडित करने और उन्हें ऐसा दोबारा करने से रोकने के लिए सैन्य हमले करने की घोषणा की थी। सीरिया सरकार लगातार प्रतिबंधित हथियार के इस्तेमाल की बात नकार रही है।