वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह देश में आव्रजन को अस्थायी रूप से निलंबित करने के अपने कार्यकारी आदेश के तौर पर अगले 60 दिन के लिए नए ग्रीन कार्ड जारी करने या वैध स्थायी निवास की अनुमति देने की प्रक्रिया पर रोक लगा रहे हैं।
ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि हालांकि इस कदम का उन लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जो अस्थायी तौर पर देश में आ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि जो लोग एच-1बी जैसे गैर आव्रजन कार्य वीजा पर रह रहे हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
एच-1बी वीजा मुख्यत: प्रौद्योगिकी के विदेशी पेशेवरों को जारी किया जाता है। खेतिहर आव्रजक कामगारों पर भी इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि इस कार्यकारी आदेश का उन हजारों भारतीय-अमेरिकियों पर असर पड़ेगा, जो ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में और देरी होने की संभावना है।
ट्रंप ने कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में कहा कि हमें पहले अमेरिकी कामगारों का ख्याल रखना चाहिए। यह आदेश 60 दिन के लिए लागू होगा जिसके बाद किसी तरह के विस्तार या बदलाव की आवश्यकता पर मैं खुद और लोगों का एक समूह उस समय की आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित आकलन करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह आदेश केवल उन व्यक्तियों पर लागू होगा, जो स्थायी निवास की अनुमति मांग रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जो ग्रीन कार्ड पाना चाह रहे हैं। विस्तार से जानकारी दिए बगैर उन्होंने कहा कि इसमें कुछ छूट भी दी जाएगी।
यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि बेरोजगार अमेरिकियों को फिर से उनकी नौकरियां और आजीविका मिले। अत: अमेरिकी कामगारों की रक्षा करने के लिए मैं अमेरिका में आव्रजन पर अस्थायी रोक लगा रहा हूं।उन्होंने कहा कि आव्रजन पर रोक लगाने से अमेरिका के फिर से खुलने पर सबसे पहले बेरोजगार अमेरिकियों को नौकरियां मिलने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण 2.2 करोड़ से अधिक अमेरिकियों ने बेरोजगारी भत्तों के लिए आवेदन दिया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दिक्कतें बनी रहने के कारण आगामी हफ्तों में और लाखों लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है।
ट्रंप ने कहा कि नए आव्रजकों पर इस रोक से अहम चिकित्सा संसाधनों को अमेरिकी नागरिकों के लिए बचाकर रखने में भी मदद मिलेगी। सवालों के जवाब में ट्रंप ने कहा कि उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे कोरोना वायरस के असर के कारण यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा।
कांग्रेस की अनुसंधान सेवा की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 10 लाख वैध विदेशी कामगार और उनके परिवार ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। (भाषा)