कॉक्स बाजार (बांग्लादेश)। बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी बस्तियों में शौचालय और पीने के साफ पानी की कमी की वजह से बीमारियों के फैलने का खतरा है। लोग खुले में शौच कर रहे हैं और बारिश आग में घी का काम कर रही है जिससे मानवीय मल हर तरफ फैल रहा है।
एक शिविर में राशिदा बेगम एक शौचालय के पास पानी के पंप को साफ करती हैं। इस शौचालय का इस्तेमाल 100 से ज्यादा परिवार करते हैं। उन्होंने कहा कि पंप काम करता है लेकिन पानी में बदबू आती है इसलिए हम इसे नहीं पीते हैं। उनका 11 लोगों का परिवार एक पखवाड़े पहले म्यांमार से भागकर आने के बाद यहां रह रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में मानवीय पीड़ा को लेकर चेताया था। बांग्लादेश के शिविरों में 5 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं, जो म्यांमार में हिंसा के बाद भागकर आए हैं।
सहायताकर्मियों का कहना है कि पीने के साफ पानी और शौचालयों की कमी की वजह से बड़ा स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है। मानसून की भारी बारिश बीमारियों के प्रकोप के खतरे को बढ़ा रही है, वहीं डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर डाइरिया के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है, खासतौर पर बच्चों में।
करीब-करीब रोज होती मूसलधार बारिश की वजह से छोटी नहरों का पानी इलाकों में आ जाता है, जहां हजारों लोग रोजाना खुले में शौच करते हैं। वहीं आगे जाकर यही गंदा पानी कुछ लोगों के पीने के पानी का स्रोत है। बांग्लादेश के परोपकारी संगठन एसडीआई के डॉ. आलम उल हक ने कहा कि बारिश होने के कारण मानवीय मल हर तरफ बह रहा है। इससे डाइरिया फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है। (भाषा)