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भारत में शेख हसीना के रुकने का बांग्लादेश के साथ रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर? अंतरिम सरकार का आया जवाब

हमें फॉलो करें भारत में शेख हसीना के रुकने का बांग्लादेश के साथ रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर? अंतरिम सरकार का आया जवाब

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

ढाका/ नई दिल्‍ली , मंगलवार, 13 अगस्त 2024 (00:34 IST)
Bangladesh government statement on Sheikh Hasina's stay in India : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत गईं शेख हसीना के वहां रहने से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ढाका हमेशा नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगा।
 
समाचार एजेंसी ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश’ की खबर के अनुसार, अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने यह टिप्पणी उस समय की जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे।
 
हुसैन ने कहा, यह एक काल्पनिक प्रश्न है। अगर कोई व्यक्ति किसी देश में रहता है तो उस देश के साथ रिश्ते क्यों प्रभावित होंगे? इसका कोई कारण नहीं है। नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद 76 वर्षीय हसीना ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं।
हुसैन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों (बांग्लादेश और भारत) के हित हैं और वे उन हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हुसैन ने कहा कि वह भारत के साथ हमेशा अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेंगे।
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इससे पहले, उन्होंने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित ढाका में तैनात राजनयिकों को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी और उनका समर्थन मांगा। हुसैन ने राजनयिकों से कहा, हमारा मानना ​​है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे सभी मित्र और साझेदार अंतरिम सरकार और हमारे लोगों के साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि हम बांग्लादेश के लिए एक नया भविष्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 
 
गृहमंत्री बोले आपका देश है आइए : अं‍तरिम सरकार के गृहमंत्री रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने कहा कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का उनका कोई इरादा नहीं है। अवामी लीग ने बांग्‍लादेश के लिए बहुत योगदान दिया है। हम इससे इनकार नहीं करते। जब भी चुनाव आएगा, तो उन्‍हें मैदान में उतरना चाहिए। चुनाव लड़ना चाहिए।
 
शेख हसीना पर उन्होंने कहा कि वे कहती हैं कि वापस लौटने की योजना बना रही हैं, लेकिन वो गईं ही क्‍यों? अपनी इच्‍छा से गई हैं। ये आपका देश है। आप चाहें तो वापस आ सकती हैं, लेकिन कृपया किसी तरह की परेशानी खड़ी करने से बचिए। अगर आप ऐसा करेंगी तो गुस्‍सा और भड़केगा। आप देश वापस आइए। आपका स्‍वागत है। 
 
हथियार जमा करवाने को कहा : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों से 19 अगस्त तक सभी अवैध और अनधिकृत हथियार जमा करने को कहा, जिनमें हालिया हिंसा के दौरान एजेंसियों से लूटी गई राइफल भी शामिल हैं। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
‘द डेली स्टार’ अखबार की खबर के अनुसार, हुसैन ने कहा कि अगर ये हथियार पास के थानों में नहीं जमा किए जाते तो अधिकारी तलाशी अभियान चलाएंगे और अगर किसी के पास अनधिकृत शस्त्र पाए जाते हैं तो उसके खिलाफ आरोप दर्ज किए जाएंगे।
 
भारतीय सेना ने चीन के साथ झड़पों की खबरों को बताया फर्जी : भारतीय सेना ने सोमवार को सोशल मीडिया पर चल रही भारतीय सेना और चीनी सेना (पीएलए) के बीच झड़पों की खबरों का खंडन करते हुए इन्हें फर्जी और महज अफवाह बताया है।
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रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक जन सूचना (एडीजीपीआई ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, सोशल मीडिया पर आज भारतीय सेना और पीएलए सैनिकों के बीच झड़पों के बारे में फर्जी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। यह खबर गलत है और ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने गलत सूचना और फर्जी संदेशों से सावधान रहने का अनुरोध भी किया।
 
580 लोगों की मौत : बंगलादेश में हिंसक आरक्षण सुधार आंदोलन और उसके बाद शेख हसीना शासन के पतन के बाद भी जारी व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन में रविवार तक लगभग चार सप्ताह में कम से कम 580 लोग मारे गए। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई।
आरक्षण सुधार अभियान और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप 16 जुलाई से 6 अगस्त के बीच 543 मौतें हुईं,  जिनमें से 42 पुलिसकर्मी थे। ‘प्रोथोम एलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, जहां 16 जुलाई से 3 अगस्त के बीच 217 मौतें हुईं, वहीं शेष 326 हत्याएं 4 अगस्त से 6 अगस्त के बीच हुईं। 
 
मोहम्मद यूनुस बने सलाहकार : छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के कारण शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 5 अगस्त को भारत के लिए देश छोड़ दिया। 8 अगस्त को नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। समाचार आउटलेट ने कहा कि 7 से 11 अगस्त के बीच 5 दिनों में 37 और लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि या तो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई या उनकी मौत की जानकारी बाद में सामने आई।(एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour

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