ढाका। बांग्लादेश के कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के नेता और मीडिया मुगल मीर कासिम अली को रविवार तड़के माणिकगंज में उसके पुश्तैनी गांव में दफन कर दिया गया। युद्ध अपराधों के मामले में शनिवार रात उसको फांसी दी गई थी।
मीर कासिम (63) को जमात का प्रमुख वित्तपोषक माना जाता था। उसे शनिवार रात 10.30 बजे ढाका के बाहरी हलाके में स्थित काशिमपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई।
समाचार वेबसाइट 'बीडीन्यूज24' के अनुसार रात 12.30 बजे के बाद काशिमपुर जेल से 3 एम्बुलेंस रवाना हुईं जिनमें से एक में मीर कासिम का शव था। इन एम्बुलेंस के साथ अग्निशमन सेवा विभाग की 1 कार, आरएबी और पुलिस दल के 6 वाहन और 3 अन्य कारें भी थीं।
मीर कासिम के रिश्तेदार पहले ही माणिकगंज के चाला गांव पहुंच गए थे। उसका शव तड़के करीब 2.45 बजे उसके गांव ले जाया गया और फिर जनाजे की नमाज के बाद करीब 3.30 बजे दफन कर दिया गया। पुलिस ने बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
अली को फांसी दिए जाने के साथ ही बांग्लादेश द्वारा 1971 के युद्ध अपराधियों के खिलाफ 2010 में शुरू किए गए अभियान के बाद से अब तक 6 युद्ध अपराधियों को फांसी दी जा चुकी है। (भाषा)