चेन्नई। अल-कायदा से प्रेरित 'बेस मूवमेंट' संगठन का मुख्य नेता दाउद सुलेमान देश के खिलाफ जिहाद शुरू करना चाहता था। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक ने यह जानकारी दी।
सुलेमान को दक्षिण भारत के विभिन्न अदालत परिसरों में हुए बम विस्फोटों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी के ट्रांजिट रिमांड की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर करने के बाद एनआईए के विशेष लोक अभियोजक सीएसएस पिल्लै ने कहा कि यह जिहाद था.. वह (सुलेमान) जिहाद शुरू करना चाहता था। उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निरोधी) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति क्षति (निरोधी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
ग्यारहवें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा सुलेमान के ट्रांजिट रिमांड को मंजूरी दिए जाने के बाद एनआईए के अधिकारी उसे साढ़े सात बजे की उड़ान से बेंगलुरू ले गए।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि 23 वर्षीय सुलेमान ने इरोड के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है। उसने मैसूर अदालत में बम लगाने की बात कथित रूप से स्वीकार की है।
अधिकारी ने कहा, उसने समूह की अन्य अवैध गतिविधियों में भी कथित रूप से भाग लिया है और उसे बेंगलुरू की 49वीं अतिरिक्त सदर दीवानी और सत्र अदालत में पेश किया जाएगा।
एनआईए की ओर से कल जारी एक बयान के अनुसार, मदुरै में रहते हुए एक सॉफ्टवेयर फर्म में काम करने वाला सुलेमान इस आतंकवादी समूह का मुख्य नेता था। एनआईए के पुलिस अधीक्षक एलआर कुमार के नेतृत्व में एजेंसी की टीम ने सुलेमान को कल गिरफ्तार किया था। (भाषा)