लंदन। भारतीय मूल के एक कैंसर विशेषज्ञ के नेतृत्व में किए गए एक दीर्घकालीन अध्ययन में पाया गया है कि स्तन कैंसर (Breast Cancer) चिकित्सा में परंपरागत रूप से कई सप्ताह तक चलने वाले इलाज के बजाय रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) के माध्यम से मरीज इस बीमारी से जल्द स्वस्थ हो सकती है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) सर्जरी एंड इंटरवेंशनल साइंस में सर्जरी और ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर जयंत वैद्य ने गुरुवार को कहा कि 'टारगेटेड इन्ट्राऑपेरेटिव रेडियोथेरेपी' (टारगिट-आईओआरटी) का मतलब है कि स्तन कैंसर से स्वस्थ होने का काल छोटा होना और उनकी टीम के निष्कर्षों से इसके लिए मार्ग उपचार को सर्वसुलभ बनाना होना चाहिए।
'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यूसीएल चिकित्सकों द्वारा विकसित तकनीक के तहत, बेहोशी की हाल में ट्यूमर को हटाने के तुरंत बाद रेडियोथेरेपी शरीर के अंदर से एक छोटे से गेंद के आकार के उपकरण के माध्यम से स्तन के अंदर रखा जाता है।
वैद्य ने कहा कि टार्गेट-आईओआरटी के साथ, महिलाएं स्तन कैंसर के लिए अपनी सर्जरी और रेडिएशन उपचार साथ साथ करवा सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल में रहने के समय को कम करती है और महिलाओं को अधिक तेज़ी से ठीक करने में सक्षम बनाती है, जिसका अर्थ है कि वे सामान्य जीवन में अधिक तेज़ी से लौट सकती हैं। इन बहुत सकारात्मक दीर्घकालिक परिणामों के प्रकाशन के साथ, अब यह स्पष्ट है कि इस उपचार को बहुत अधिक स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए। (भाषा)