ब्यूनस आयर्स। भारत और ब्रिक्स के 4 अन्य देशों ने शुक्रवार को पारदर्शी, गैरभेदभावपूर्ण, खुले एवं समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का आह्वान किया। उन्होंने यह आह्वान बढ़ते संरक्षणवाद के बीच किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल तेमेर ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अलग से मुलाकात की और अंतररराष्ट्रीय राजनीति, सुरक्षा और वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों के साथ सतत विकास की चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में पांचों नेताओं ने कहा है कि वे बहुपक्षवाद और निष्पक्ष, समान, लोकतांत्रिक और प्रतिनिधिमूलक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। उन्होंने ब्रिक्स समूह के कुछ देशों के खिलाफ लगातार आतंकवादी हमलों और सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की।
बयान के अनुसार, हम संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर जोहानेसबर्ग घोषणा में चिन्हित सभी तत्वों सहित आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के तहत अपनाए गए पेरिस समझौते के पूर्ण रूप से क्रियान्वयन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसमें उन्होंने साझा लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों और अपनी-अपनी क्षमताओं के सिद्धांत की भी बात की।
ब्रिक्स नेताओं ने विकसित देशों से पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से पार पाने के लिए वित्तीय, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में समर्थन देने का आग्रह किया। अमेरिका तथा चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के बीच इन नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन के विवाद निपटान प्रणाली के प्रभावी तरीके से कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इसके सदस्यों में डब्ल्यूटीओ के साथ जुड़ने का विश्वास बना रहे।
बयान के अनुसार- 'हम पारदर्शी, भेदभावरहित, खुले और समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यापार सुनिश्चित करने के लिए नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।' (भाषा)