लंदन। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में ब्रिटेन को उस समय करारा झटका लगा जब दलजीत भंडारी की जीत के बाद इंग्लैंड 71 सालों में पहली बार अंतरराष्ट्रीय अदालत से बाहर हो गया।
भंडारी का मुकाबले ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था। जस्टिस भंडारी की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ब्रिटिश मूल का कोई जज नहीं है। आईएसजे की स्थापना के बाद से यह पहला अवसर है जब ब्रिटेन का कोई प्रतिनिधि आईसीजे चुनाव में हारा है।
जस्टिस भंडारी की जतीन भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद खास है। ब्रिटेन सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और इसी वजह से यहां क्रिस्टोफर ग्रीनवुड का प्रभाव देखने को मिला।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में हुए इन चुनावों में जनरल एसेंबली ने जस्टिस भंडारी को 183 वोट दिए, तो वहीं सिक्यूरिटी काउंसिल द्वारा उन्हें 15 वोट मिले।
12वें राउंड की वोटिंग होने से पहले यूएन में ब्रिटेन के स्थायी प्रतिनिधि मैथ्यू रायक्रॉफ्ट ने यूएन जनरल एसेंबली के अध्यक्षों और सिक्यूरिटी काउंसिल को पत्र लिखकर ग्रीनवुड की उम्मीदवारी वापस लेने की बात कही थी।
आईएसजे की स्थापना में कभी ब्रिटेन ने मदद की थी, उससे बाहर होना दिखाता है कि यूरोपियन यूनियन छोड़ने के फैसले के बाद से आप वैश्विक मंच पर अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और उभरती अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत का प्रभुत्व बढ़ता दिख रहा है।