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ब्रिटेन में ईयू पर फिर उठी जनमत संग्रह की मांग

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लंदन , रविवार, 26 जून 2016 (10:53 IST)
लंदन। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने (ब्रेक्जिट) के कुछ दिन बाद ही 20 लाख 50 हजार से ज्यादा नागरिकों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें ईयू पर दूसरे जनमत संग्रह की मांग की गई है।
 
ब्रिटिश संसद अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की गई 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षर वाली किसी भी याचिका पर चर्चा कराने पर विचार करती है। 23 जून को हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह से पहले पोस्ट किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि ईयू की सदस्यता के पक्ष या विपक्ष में 75 फीसदी मतदान की स्थिति में 60 फीसदी से कम वोट मिलते हैं तो एक अन्य जनतम संग्रह कराना चाहिए।
 
गुरुवार को आए जनमत संग्रह के परिणामों में कुल 72 फीसदी मतदान के तहत 52 प्रतिशत लोगों ने ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया लेकिन लंदन, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड में बहुमत ईयू में बने रहने के पक्ष में आया।
 
ब्रिटेन में शुक्रवार को किए गए एक ओपिनियन पोल के अनुसार आधे मतदाताओं का कहना है कि अगर ईयू ब्रिटेन की सदस्यता पर ज्यादा सुधारों की पेशकश करता है तो भी जनमत संग्रह के नतीजे कायम रहने चाहिए जबकि 39 प्रतिशत लोगों की राय है कि नए सुधारों की पेशकश होने पर दूसरा जनमत संग्रह कराना चाहिए।
 
'संडे मिरर' के लिए कोमरिस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार करीब 48 प्रतिशत ब्रिटिश युवकों ने कहा कि वे नतीजों से खुश हैं जबकि 43 प्रतिशत युवकों ने नाखुशी जताई। 
 
दूसरे जनमत संग्रह की मांग वाली ऑनलाइन याचिका को काफी समर्थन मिल रहा है और शनिवार को तक 25,03,065 लोगों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इस याचिका पर केवल ब्रिटिश नागरिक और ब्रिटेन के निवासी ही हस्ताक्षर कर सकते हैं। 
 
याचिका पर लंदन समेत ज्यादातर उन इलाकों में रहने वाले लोगों ने हस्ताक्षर किए है, जो ईयू में बने रहने के समर्थक हैं। 
 
ब्रेक्जिट के फैसले के बाद इस्तीफे की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि ईयू पर दूसरा जनमत संग्रह नहीं होगा। कोमरिस के सर्वेक्षण में 1,069 युवकों से यह भी पूछा गया कि अगले आम चुनाव कब होने चाहिए।
 
एक तिहाई युवकों ने कहा कि अगले प्रधानमंत्री के लिए जल्द से जल्द शरद ऋतु में चुनाव होने चाहिए जबकि 23 प्रतिशत युवक अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव चाहते हैं। करीब 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वर्ष 2020 में चुनाव होने चाहिए। (वार्ता) 

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