लंदन। यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में दावा किया है कि अब प्लास्टिक को गुणवत्ता के साथ बार-बार इस्तेमाल किया जा सकेगा। पेटेज नामक एंजाइम प्लास्टिक की रासायनिक संरचना को तोड़कर उसे बुनियादी स्वरूप में तब्दील करता है। इससे प्लास्टिक को गुणवत्ता के साथ बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शोध के दौरान प्राकृतिक बैक्टीरिया, ताकतवर एंजाइम में तब्दील हो गया था।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एंजाइम विकसित किया है, जो प्लास्टिक की रासायनिक संरचना को तोड़कर उसे उसके बुनियादी स्वरूप में बदल देता है। इससे जहां वैज्ञानिकों को प्लास्टिक रिसाइकिल करने में मदद मिलेगी वहीं इस प्रक्रिया से प्लास्टिक को बार-बार उसके बुनियादी स्वरूप में बदला जा सकता है। इससे प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी और प्लास्टिक का इस्तेमाल बार-बार किया जा सकेगा।
पेटेज नामक यह एंजाइम वैज्ञानिकों ने अचानक ही विकसित किया है। इस एंजाइम का परीक्षण जापान के एक रिसाइकिलिंग प्लांट में किया गया। पेटेज सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली पॉलीइथाइलीन टेरेफेथैलेट (पीईटी) नामक प्लास्टिक की रासायनिक बनावट को तोड़ने में सक्षम है और उसे उसके बुनियादी स्वरूप में बदलने में भी सक्षम है।
पीईटी को पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है, जिससे कचरा फैलता है और यह नॉन बायोडेग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण को खतरा पहुंचाते हैं लेकिन अब प्लास्टिक के कचरे को भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
मौजूदा समय में प्लास्टिक की जो रिसाइकिलिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है, उसमें प्लास्टिक बोतलों को निम्न क्वालिटी के पदार्थ और उत्पाद में रिसाइकिल किया जाता है जैसे कार्पेट और अन्य उत्पाद। इस समय दो तरह के पीईटी हैं- वर्जिन ग्रेड और रिसाइकिल पीईटी (आरपीईटी)।
वर्जिन ग्रेड पीईटी कच्चे तेल से प्राप्त होता है और इसका इस्तेमाल प्लास्टिक बोतलें बनाने में होता है लेकिन आरपीईटी को किसी बड़े व टिकाऊ उत्पाद बनाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता और एक समय के बाद यह अनुपयोगी हो जाता है। ऐसे में इसे कचरे के रूप में या लैंडफिल के रूप में फेंक दिया जाता है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
पर शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किए गए पेटेज से इसे भी बुनियादी रासायनिक संरचना में तब्दील किया जा सकेगा, जिनका इस्तेमाल किसी भी टिकाऊ और उपयोगी प्लास्टिक उत्पाद बनाने में किया जा सकेगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि जब पीईटी से बनी प्लास्टिक बोतलों को एकत्र किया जाता है तो उन्हें वापस प्लास्टिक बोतलों में रिसाइकिल नहीं किया जा सकता।
अभी इस तरह की जो प्रकिया है उसमें बोतलों को रिसाइकिल करके बोतलें बनाने से उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है। इसलिए निर्माता उन्हें ना इस्तेमाल करके वर्जिन पीईटी को तवज्जो देते हैं लेकिन इस नए एंजाइम पेटेज से प्लास्टिक बोतलों को गुणवत्ता के साथ रिसाइकिल किया जा सकता है।