तेहरान। इस्लामी क्रांति के 40 साल होने के मौके पर सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अपने देश के खिलाफ साजिश के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना की। तेहरान के आजादी चौराहे पर जमा भीड़ को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रुहानी ने कहा कि समूचे ईरान की सड़कों पर सोमवार को लोग उमड़े हैं, जो यह दिखाता है कि दुश्मन अपने नापाक मंसूबे में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।
फरवरी 1979 में धार्मिक नेता अयातुल्लाह रुहोल्लाह खमैनी देश वापस लौटे थे और उन्होंने उस क्रांति का नेतृत्व किया जिसने तत्कालीन शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसी क्रांति की याद में नागरिकों ने राजधानी में मार्च किया। इस जुलूस में बुरका पहनी हुई महिलाएं भी थीं।
निर्वासन से लौटकर खमैनी ने क्रांति का नेतृत्व किया और इसी क्रांति की बदौलत तत्कालीन शाह को सत्ता से हटना पड़ा। वर्ष 1979 में 1 से 11 फरवरी के बीच यह सब घटनाक्रम हुआ था। सोमवार का दिन इसी के जश्न का समापन दिन है।
इस दौरान एक पहले से तैयार प्रस्ताव को पढ़ा गया जिसमें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी की निर्विवाद आज्ञाकारिता की घोषणा की गई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मूर्ख कहा गया।
इस्लामिक गणराज्य सोमवार को उत्सव मना रहा है लेकिन घरेलू कठिनाइयों और अमेरिकी पाबंदियों की वजह से देश कठिन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश के सर्वोच्च नेता खमैनी की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है कि वह देश की प्रगति के लिए अगले कदम के बारे में विस्तार से बयान जारी करेंगे।