बीजिंग। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ताइवान की बढ़ती नजदीकियों से चिंतित चीन इस द्वीप की आजादी से जुड़े प्रयासों पर लगाम कसने के लिए कड़े उपायों पर विचार कर रहा है।
सैन्य अधिकारियों के नजदीकी सूत्रों के अनुसार ताइवान को युद्ध में उलझाकर उसे चीन से स्वतंत्र होने के किसी भी कदम को रोकने के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ताइवान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाकर भी उसकी कमर तोड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि इस बारे में किसी प्रकार का कोई निर्णय लिया गया है अथवा नहीं लेकिन हाल ही में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शीर्ष नेताओं के लिए ताइवान एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है।
अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने वाले ट्रंप ने इस माह ताइवान की राष्ट्रपति साई इंगवेन से फोन पर बात करके चीन को नाराज कर दिया है। दोनों नेताओं के बात करने से दशकों पुरानी परंपरा टूटी है और नए अमेरिकी प्रशासन की चीन के प्रति नीति को लेकर संदेह गहराया है।
मंत्रालय के सूचना विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2005 में देश से अलग होने को लेकर बने कानून से चीन के पास यह अधिकार है कि जब उसे लगेगा कि ताइवान उससे अलग होने की कोशिश कर रहा है तो उसके खिलाफ शक्ति का प्रयोग कर सकता है। (वार्ता)