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चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा- 'युद्ध के लिए तैयार रहे चीनी सेना'

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, सोमवार, 31 जुलाई 2017 (09:28 IST)
डोकलाम पर चीन ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को इनर मंगोलिया के झूरिहे स्थित देश के सबसे बड़े सैन्य अड्डे में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित भव्य परेड का निरीक्षण किया।  
 
इस मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन को हमला करने वाले सभी दुश्मन को हराने और विश्व शांति की रक्षा' के लिए पहले से कहीं ज्यादा मजबूत सेना की जरूरत है। हमारे वीर सशस्त्र बलों में हमलावर दुश्मनों को हराने और राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने का आत्मविश्वास और क्षमता है।
 
जिनपिंग ने इस मौके पर अपनी सेना से साफ साफ कहा कि वो जंग के लिए तैयार रहे। जितना ज्यादा हो सके खुद को मजबूत बनाए। इतना ही नहीं चीनी राष्ट्रपति ने युद्ध जैसी आपात स्थिति के लिए स्पेशल फोर्स बनाने की बात कही। मतलब साफ है चीन अपनी सैनिक ताकत बढ़ाने की बात कहकर एक तरह से भारत को जंग के लिए उकसा रहा है।
 
चीन का जूरहि सैन्य बेस करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है जहां चीनी सेना ने अपना दम-खम दिखाया। इस परेड में चीन के 12 हजार सैनिक शामिल हुए। इसमें PLA के 36 फॉर्मेंशन्स ने हिस्सा लिया। इस परेड में चीन ने पहली पार इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेसिट्क मिसाइल डीएफ-31एजी को भी शामिल किया।
 
एक अगस्त को चीनी सेना की 90वीं सालगिरह है और चीन इस मौके का इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के स्थापना दिवस से पहले चीन ने अपनी सैनिक ताकत की जो तस्वीरें जारी की हैं। पीएलए की स्थापना 1 अगस्त 1927 को तब की गई थी, जब माओ त्से तुंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ सीपीसी ने उनके राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाया था। यह उन दुर्लभ राष्ट्रीय सेनाओं में से एक है, जो चीनी सरकार की बजाय अब भी सीपीसी के नेतृत्व में काम करती है। इस परेड में करीब 12,000 जवानों ने हिस्सा लिया और 129 विमान तथा 571 उपकरणों का इस दौरान प्रदर्शन किया गया।
 
एशिया के सबसे बड़े ट्रेनिंग बेस पर अपनी सेना उतारकर चीन ने साफ कर दिया है कि उसकी मंशा क्या है। लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, टैंक और मिसाइल समेत चीन ने अपनी सैनिक ताकत की एक एक तस्वीर दुनिया के सामने रख दी है। पिछले कुछ सालों में ये चीन का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन है।
 
इससे पहले चीन के सैनिकों ने तिब्बत में जमकर मिलिट्री एक्सरसाइज की थी। चीन ने तिब्बत में अपने दो टैंक उतारकर भारत को डराने की कोशिश की थी। उसके बाद चीनी सेना ने सिक्किम बॉर्डर के पास तिब्बत में युद्धाभ्यास किया. जिसमें जमकर गोलाबारी की गई और अब चीन ने अपनी सेना की सबसे बड़ी ताकत दिखाकर अपना खतरनाक इरादा जाहिर कर दिया है।
 
यह परेड ऐसे समय में आयोजित की गई, जब सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 1 माह से गतिरोध चल रहा है। चीन डोकालाम के अलावा उत्तर कोरिया की स्थिति और अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) मिसाइल की तैनाती करने को लेकर भी चिंतित है। (एजेंसी)   

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