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बड़ी खबर! चीन ने रोका ब्रह्मपुत्र का पानी

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पेइचिंग , शनिवार, 1 अक्टूबर 2016 (15:43 IST)
पेइचिंग। भारत जहां सिंधु नदी के जल समझौते पर विचार ही करता रहा है, वहीं इस बीच चीन और पाकिस्तान ने मिलीभगत कर तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी पर पानी रोककर पनबिजली संयंत्र लगाने की शुरुआत कर दी है। देश के लिए यह चिंता की बात है क्योंकि चीन के इस कदम से भारत समेत कई देशों को पानी मिलना बंद हो सकता है।
 
चीन की इस कार्रवाई को देखकर लगता है कि कहीं वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत पर जवाबी कार्रवाई का दबाव तो नहीं बना रहा है। तिब्बत की यारलुंग जेंगबो नाम से ज्ञात ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी पर चीन ने एक परियोजना शुरू की है। चीन ने इस परियोजना पर करीब 75 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। चीन की सरकारी एजेंसी सिन्हुआ ने इस प्रोजेक्ट के प्रशासक के हवाले से दी है।
 
यह परियोजना तिब्बत के जाइगस में बना है जोकि भारत के सिक्किम राज्य के करीब है और यहीं से ब्रह्मपुत्र,  अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। रिपोर्ट के मुताबिक यह परियोजना 2014 में शुरू की गई है जिसके 2019 में पूरी होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट से भारत और बांग्लादेश में ब्रह्मपुक्ष के जल प्रवाह पर क्या असर पड़ेगा? पिछले साल भी चीन ने तिब्बत में डेढ़ अरब डॉलर की लागत से सबसे बड़ा हाइड्रो प्रोजेक्ट शुरू किया था। 
 
इस बारे में भारत ने अपनी चिंताओं से चीन को अवगत कराया है लेकिन चीन का कहना है कि उसे भारत की चिंताओं के बारे में जानकारी है। विदित हो कि चीन की 12 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में चीन तीन और हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट लगाने वाला है।
 
भारत और चीन के बीच कोई जल समझौता नहीं है और दोनों देशों की ओर से सीमा के दोनों ओर बहने वाली नदियों को लेकर मात्र विशेषज्ञ स्तर की व्यवस्था की है। वर्ष 2013 में दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए मेमोरेंड्‍म ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन चीन इस मामले में अपनी एकतरफा कार्रवाई जारी रखे हुए है।
 

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