ढाका। चीन ने बांग्लादेश को अमेरिका नीत क्वॉड गठबंधन में शामिल होने को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि ढाका के इस बीजिंग विरोधी क्लब का हिस्सा बनने पर द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान होगा। चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग की यात्रा के बाद बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग की यह अप्रत्याशित चेतावनी सामने आई है।
गौरतलब है कि 27 अप्रैल को फेंग बांग्लादेश की यात्रा पर आए थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से कहा था कि बीजिंग और ढाका को दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन गठबंधन बनाने और वर्चस्ववाद कायम करने की जुगत में लगीं बाहरी शक्तियों को रोकना चाहिए।
डिप्लोमेटिक कॉरेस्पोंडेंट एसोसिएशन, बांग्लादेश द्वारा सोमवार को आयोजित डिजिटल बैठक में ली ने कहा कि बांग्लादेश के लिए 4 देशों के इस छोटे से क्लब (क्वॉड) में शामिल होना निश्चित रूप से सही विचार नहीं होगा, क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि क्वॉड एक छोटा कुलीन समूह है, जो चीन के विरुद्ध काम कर कहा है।
चीन के राजदूत के इस विवादित बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमिन ने कहा कि बांग्लादेश गुटनिरपेक्ष तथा संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करता है और वह खुद तय करेगा कि इन सिद्धांतों के अनुरूप क्या किया जाना चाहिए? मोमिन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि हम स्वतंत्र तथा संप्रभु देश हैं। हम अपनी विदेश नीति खुद तय करते हैं। हालांकि कोई देश अपना रुख बता सकता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि वे (चीनी राजदूत) एक देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे जो कहना चाहते हैं, कह सकते हैं। हो सकता है कि वह ऐसा (बांग्लादेश का क्वॉड में शामिल होना) न चाहते हों। साथ ही मोमिन ने कहा कि अभी तक क्वॉड के किसी भी सदस्य ने बांग्लादेश से संपर्क नहीं किया है। समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि राजदूत ने जल्दबाजी में यह टिप्पणी की।
क्वॉड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग को संक्षेप में 'क्वॉड' कहा जाता है। इसका गठन साल 2007 में किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। सोमवार को हुई बैठक के दौरान चीनी राजदूत ने तीस्ता नदी प्रबंधन परियोजना पर बांग्लादेश के प्रयासों को चीन का समर्थन मिलने की संभावना भी जताई।
बांग्लादेश सरकार ने इस परियोजना में चीन को शामिल करने को लेकर औपचारिक रूप से कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है।
ली ने इन चिंताओं को खारिज किया कि जल बंटवारे को लेकर बांग्लादेश और भारत के बीच विवाद का परियोजना पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एक साझा नदी के निचले हिस्से पर इस तरह की परियोजना शुरू करना बांग्लादेशी लोगों का वैध अधिकार है।
ली के हवाले से कहा गया कि यदि वह ऊपरी हिस्से में कुछ बनाता है तो उसे निचले हिस्से के आसपास बसे देशों से राय लेनी होगी। लेकिन आप निचले हिस्से में परियोजना शुरू कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई संवेदनशील मुद्दा है। (भाषा)