बीजिंग। चीन के वैज्ञानिकों ने प्रकाश आधारित दुनिया का पहला क्वांटम कम्प्यूटर बनाने का दावा किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कम्प्यूटर पारंपरिक सुपर कम्प्यूटर के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से कार्य कर सकता है। चीन की सरकारी मीडिया में शनिवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक यह वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता है जिसकी मदद से ऐसी शक्तिशाली मशीन को बनाने के तरीके में मौलिक बदलाव आएगा।
इस संबंध में 'जर्नल साइंस' में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के हवाले से सरकारी अखबार 'चाइना डेली' ने बताया कि 'जियूझांग' क्वांटम कम्प्यूटर भरोसेमंद तरीके से 'क्वांटम अभिकलनात्मक श्रेष्ठता' (कम्प्यूटेशनल एडवांटेज) का प्रदर्शन कर सकता है, जो कम्प्यूटर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।
उल्लेखनीय है कि क्वांटम कम्प्यूटर बहुत तेजी से काम करते हैं, जो पारंपरिक कम्प्यूटर के लिए संभव नहीं है। क्वांटम कम्प्यूटर की मदद से भौतिक विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धि हासिल होती है। खबर के मुताबिक इस सुपर कम्प्यूटर का नाम 'जियूझांग' नामक गणित के प्राचीन चीनी ग्रंथ के नाम पर दिया गया है।
यह सुपर कम्प्यूटर जो गणना मात्र 200 सेकंड में कर सकता है, उसे करने में पारंपरिक पद्धति से बने दुनिया के सबसे तेज कम्प्यूटर 'फुगाकू' को 60 करोड़ साल लगेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल गूगल द्वारा 53 क्यूबिट क्वांटम कम्प्यूटर बनाने की घोषणा के बाद सुपर कम्प्यूटर के क्षेत्र में यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है। खबर के मुताबिक जियूझांग 76 फोटॉन में हेरफेर कर जटिल गणना करता है जबकि गूगल का क्वांटम कम्प्यूटर सुपर कंडक्टिव वस्तुओं का इस्तेमाल करता है।
उल्लेखनीय है कि गत कुछ वर्षों से चीन क्वांटम प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करने के लिए भारी निवेश कर रहा है। चीन की विज्ञान अकादमी ने बताया कि वर्ष 2017 में चीन ने क्वांटम संचार उपग्रह को प्रक्षेपित किया था, जो हैक नहीं किया जा सकता और सुरक्षा की अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस है। इसके अगले साल चीन ने 2,000 किलोमीटर लंबी 'हैक प्रूफ' क्वांटम संचार लाइन का उद्घाटन किया जिसे देश की राजधानी बीजिंग से आर्थिक मुख्यालय शंघाई के बीच स्थापित किया गया है। (भाषा)