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ठंडी गैस से पोषित हो रहा है सुपरमैसिव ब्लैकहोल

हमें फॉलो करें ठंडी गैस से पोषित हो रहा है सुपरमैसिव ब्लैकहोल
, गुरुवार, 9 जून 2016 (17:17 IST)
बोस्टन। खगोल विज्ञानियों ने पहली बार धरती से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर विशाल आकाशगंगा के केंद्र में ठंडी, भारी और भद्दी गैस के बादलों से पोषित होते एक सुपरमैसिव ब्लैकहोल का पता लगाया है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि बादल 355 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से दौड़ रहे हैं और इसके छोर से महज 150 प्रकाश वर्ष दूर हो सकते हैं, जो इसके सतहरहित कुएं को पोषित कर रहे हैं।
 
यह तथ्य इस अनुमान के समर्थन में पहला सीधा साक्ष्य उपलब्ध कराता है कि ब्लैकहोल ठंडी गैस के बादलों से पोषित होते हैं। परिणाम ये भी दर्शाते हैं कि ब्लैकहोल को पोषित करने की प्रक्रिया वैज्ञानिकों की पूर्व की सोच के मुकाबले कहीं ज्यादा अस्त-व्यस्त है।
 
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के सहायक निदेशक माइकल मैक्डोनाल्ड ने कहा कि ब्लैकहोल की अभिवृद्धि का साधारण मॉडल गर्म गैस के एक गोले से घिरा होता है और वह गैस ब्लैकहोल पर सुगमता से सहवर्धित होती है तथा सब कुछ साधारण, गणितीय है।
 
मैक्डोनाल्ड ने कहा कि लेकिन यह सर्वाधिक अकाट्य साक्ष्य है कि यह प्रक्रिया सुगम, साधारण और स्वच्छ नहीं है, बल्कि असल में पूर्णतया अव्यवस्थित तथा और भद्दी है। उन्होंने कहा कि ब्लैकहोल के पोषित होने के संभवत: दो तरीके होते हैं। अधिकांशत: वे विस्तारित होती गर्म गैस के संतुलित पोषण से धीरे-धीरे पोषित हो सकते हैं। कभी-कभी वे नजदीक आती ठंडी गैस को तेजी से निगल सकते हैं।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी खोज चिली में अटकामा लार्ज मिलीमीटर... सब मिलीमीटर एरे (एएलएमए) का इस्तेमाल करते हुए की। टीम ने एएलएमए की दूरबीनों को एबेल 2597 क्लस्टर में केंद्रीय आकाशगंगा पर केंद्रित किया। यह आकाशगांगा ब्रह्मांड की सबसे चमकीली आकागंगाओं में से एक है, क्योंकि यह संभवत: अनेक नए तारे पैदा कर रही है। (भाषा)

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