कोलंबो। चीनी उच्च प्रौद्योगिकी वाला अनुसंधान पोत श्रीलंका की 6 दिन की विवादित यात्रा के बाद सोमवार को वापस लौट गया। बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह पर नजर रखने में सक्षम पोत युआन वांग 5 को मूल रूप से 11 अगस्त को हम्बनटोटा बंदरगाह पर पहुंचना था। लेकिन भारत की ओर से व्यक्त सुरक्षा चिंताओं के बाद श्रीलंका से अनुमति नहीं मिलने के कारण इसके आगमन में देरी हुई थी।
चीनी पोत 16 अगस्त को स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पहुंचा था और वहीं ठहरा था। बंदरगाह के मास्टर निर्मल सिल्वा ने यहां कहा कि पोत स्थानीय समयानुसार अपराह्न 4 बजे बंदरगाह से रवाना हुआ।
अधिकारियों ने कहा कि वह चीन के जियांग यिन बंदरगाह पहुंचेगा। भारत ने आशंका जताई थी कि श्रीलंकाई बंदरगाह की ओर जाते समय यह पोत भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी के प्रयास कर सकता है, हालांकि चीन ने इन आशंकाओँ को खारिज कर दिया था।(भाषा)