जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) को लेकर चेतावनी जारी की है। WHO के मुताबिक भारत में सबसे पहला यह वेरिएंट अब पूरी दुनिया में इस महामारी का सबसे बड़ा कारण बन गया है। इसी वेरिएंट के चलते दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही है।
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथ ने शुक्रवार को दावा किया कि डेल्टा स्वरूप विश्व में कोविड-19 का सर्वाधिक प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है क्योंकि इससे कहीं अधिक तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है। डॉ स्वामीनाथन ने डब्ल्यूएचओ के प्रभावी मानक को पूरा करने में क्योरवैक (5CV.DE) वैक्सीन की असफलता पर भी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा अधिक शक्तिशाली वैक्सीन की जरूरत है।
डेल्टा वेरिएंट भारत के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और सिंगापुर समेत दुनिया के कई देशों में तबाही मचाई हुई है। भारत में भी दूसरी लहर के दौरान मची तबाही के लिए इसी वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है।
ब्रिटेन में 1 सप्ताह में 33 हजार से ज्यादा केस : ब्रिटेन में गत एक सप्ताह में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित 33 हजार 630 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही ब्रिटेन में वायरस के इस स्वरूप से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 75 हजार 953 हो गई है। वायरस के इस स्वरूप को सबसे पहले भारत में चिह्नित किया गया था और अब ब्रिटेन में 99 प्रतिशत नए मरीज इसी स्वरूप से संक्रमित पाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक वायरस के विभिन्न स्वरूपों पर साप्ताहिक आधार पर निगरानी कर रहे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि अल्फा स्वरूप के मुकाबले डेल्टा स्वरूप से अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने का खतरा बढ़ रहा है। वायरस के अल्फा स्वरूप की सबसे पहले पहचान ब्रिटेन के ही केंट इलाके में की गई थी।
हालांकि, पीएचई के विश्लेषण से पता चलता है कि टीके की दो खुराक डेल्टा से संक्रमण के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करती है। अनुमान है कि यह सुरक्षा 90 प्रतिशत से अधिक है।
अमेरिका भी आशंकित : अमेरिका स्थित सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक रोशेल वालेंस्की ने कहा है कि उन्हें आशंका है कि कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की प्रबलता रहेगी। कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप का पता सबसे पहले भारत में चला था और ब्रिटेन में इसके काफी मामले सामने आए हैं।
वालेंस्की ने शुक्रवार को एबीसी के गुड मॉर्निंग अमेरिका से कहा कि इस डेल्टा स्वरूप के अधिक संक्रामक होने के चलते, इसको लेकर चिंता है, हमारे टीके कारगर हैं। उन्होंने अमेरिकियों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि आप इस डेल्टा स्वरूप से सुरक्षित रहेंगे।