ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शोलाकिया ईदगाह में नमाज के दौरान हमले में चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 12 घायल हो गए। पुलिस ने घटनास्थल से तीन आतंकवादियों को पकड़ लिया है।
पुलिस ने उनके कब्जे से एक चाकू और पिस्तौल बरामद की। इस तरह के हथियार का इस्तेमाल देश में ब्लॉगर्स, लेखकों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्याओं में किया जाता रहा है। हाल ही में यहां के एक रेस्त्रां में हुए आतंकवादी हमले में इसी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ईद की नमाज के समय पुलिस पर देशी बम से किए गए हमले और उसके बाद पुलिस तथा आतंकवादियों के बीच गोलीबारी में चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। मरने वालों में दो पुलिस अधिकारी, एक महिला तथा एक संदिग्ध आतंकवादी शामिल है।
'द डेली स्टार' की एक रिपोर्ट में किशोरगंज पुलिस थाने के अतिरिक्त अधीक्षक अबु सैयाम ने बताया कि तीनों हमलावरों को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया और उनके पास से चाकू और आधुनिक पिस्तौल भी बरामद की गई है। उन्होंने हमलावरों की पहचान बताने से इंकार किया। हमलावरों से पूछताछ की जा रही है।
एक अन्य समाचार पत्र दैनिक प्रोथोम एलो ने कहा है कि इस हमले में मारे गए आतंकवादी की पैंट में चाकू छिपाने के लिए एक विशेष पॉकेट थी। इससे पहले भी इस तरह के धारदार हथियार का इस्तेमाल देश में धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, लेखकों, विदेशी नागरिकों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्याओं में इस्तेमाल किया गया है। सबसे पहले इस तरह के हथियार का इस्तेमाल 2013 में ब्लॉगर राजीव हैदर की हत्या में किया गया था। इसके बाद अनेक लेखकों की हत्याएं इसी तरीके से की गई थीं।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट और अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। हाल ही में ढाका के एक रेस्त्रां में हुए हमले में भी इसी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया था। इस हमले की भी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। आज के हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी संगठन ने नहीं ली है। (वार्ता)