फिल्म 'दीवार' में अमिताभ बच्चन का एक डायलॉग मशहूर हुआ था... 'चिनॉय सेठ, मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता...'। बचपन में 'बूट पॉलिश' करके बड़े हुए अमिताभ के इस संवाद को आज भी याद किया जाता है। क्या कोई बूट पॉलिश करके लखपति बन सकता है? जी हां, बिलकुल बन सकता है, ठीक अमेरिका के मैनहट्टन में डॉन वार्ड की तरह... जिनकी महीने की कमाई है 18 लाख रुपए। हालांकि डॉन के जूते पॉलिश करने का अंदाज बेहद जुदा है।
डॉन वार्ड की शख्सियत बेहद दिलचस्प है। बूट पॉलिश करने के पहले वे एक फोटो की लैब में काम किया करते थे, जहां उनकी आमदनी बेहद सीमित हुआ करती थी। इस आमदनी से घर खर्च बमुश्किल चल पाता था। उनका एक दोस्त था, जो महज बूट पॉलिश करके खासी कमाई कर रहा था। बस, फिर क्या था? डॉन ने भी अपने हाथों में पॉलिश का ब्रश थाम लिया।
डॉन के अनुसार मैंने अपने काम को नया रूप दिया। मैं आते-जाते लोगों को चुटकुले सुनाता हूं और उन्हें हंसाता हूं ताकि उनकी जिंदगी खुशनुमा हो सके। इसी के साथ मैं उन्हें अपने जूते साफ-सुथरे पहनने की समझाइश भी देता हूं। लोगों को मेरा यह इंटरटेंनमेंट का नया तरीका पसंद आ जाता है और वे खुशी-खुशी मुझसे जूते पॉलिश कराने के लिए आ जाते हैं।
डॉन ने कहा कि भले ही मैं थोड़े समय के लोगों को खुशियां बांटता हूं लेकिन इसके बदले मुझे जूते पॉलिश से जो कमाई हो रही है वह बढ़ती ही जा रही है। मैं एक दिन में अपने चुटकुले सुनाकर और जूते पॉलिश करके के 900 डॉलर (करीब 60 हजार रुपए) कमा लेता हूं यानी महीने के 18 लाख रुपए।
उन्होंने कहा कि जबसे मेरा बूट पॉलिश का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, तब से कमाई भी बढ़ गई है। मैं किसी कंपनी में जी-तोड़ मेहनत करता तो भी तो इतना वेतन नहीं कमाता जितना कि बूट पॉलिश करके कमा रहा हूं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मैं काम के साथ ही साथ लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला रहा हूं, जो उन्हें दिनभर ताजगी देती रहती है।