वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर चर्चा के लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से 12 जून को सिंगापुर में मिलेंगे। यह शीतयुद्ध के समय से शत्रु रहे दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच पहली शिखर वार्ता होगी।
ट्रंप की घोषणा से कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ उत्तर कोरिया से तीन अमेरिकी नागरिकों को लेकर अमेरिका लौटे। ट्रंप ने तीनों नागरिकों का एंड्रयू एयरफोर्स बेस पर व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शिखर वार्ता से पहले उन्हें रिहा करने के लिए किम की तारीफ की।
ट्रंप ने टि्वटर पर लिखा, किम जोंग उन और मेरे बीच होने वाली बहुप्रतीक्षित बैठक 12 जून को सिंगापुर में होगी। हम दोनों इसे विश्व शांति के लिए बेहद खास पल बनाने की कोशिश करेंगे। इससे पहले अप्रैल में ट्रंप ने किम से मिलने का निमंत्रण स्वीकार कर दुनिया को चौंका दिया था। दोनों नेता पूर्व में एक-दूसरे के लिए अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल कर चुके हैं और एक-दूसरे को धमकियां दे चुके हैं।
शिखर वार्ता संबंधी सफलता हाल में उत्तर एवं दक्षिण कोरिया के बीच हुई ऐतिहासिक बातचीत के बाद मिली। ट्रंप-किम के बीच चर्चा में मुख्य मुद्दा उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार होंगे जो अमेरिका उससे छोड़ने की मांग कर रहा है। ट्रंप ने तीनों अमेरिकियों का अभिवादन करते हुए कहा, हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमारे कुछ बेहद सार्थक करने की बड़ी संभावनाएं हैं। बहुत सारी अच्छी चीजें हुई हैं।
उत्तर कोरिया ने तीनों अमेरिकियों-किम डोंग चुल, किम हाक-सोंग और किम सांग डुक उर्फ टोनी किम- को पोम्पिओ की यात्रा के दौरान कल रिहा किया। अमेरिकी विदेश मंत्री ट्रंप-किम शिखर वार्ता के ब्यौरे को अंतिम रूप देने के लिए प्योंगयांग गए थे। तीनों को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए जेल की सजा दी गई थी और वे उत्तर कोरिया में मजदूरों के शिविरों में रह रहे थे।
ट्रंप ने किम की तारीफ करते हुए कहा, मुझे सच में लगता है कि वह कुछ करना चाहते हैं और अपने देश को वास्तविक दुनिया का हिस्सा बनाना चाहते हैं। यह कभी भी इस मुकाम तक नहीं आया था, कभी भी ऐसे संबंध नहीं रहे। मुझे सच में लगता है कि काफी प्रगति हुई है। (भाषा)