यूएई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पश्चिम एशियाई देशों से 'इस्लामी चरमपंथ के संकट' से लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई 'अच्छे और बुरे के बीच की लड़ाई है' न कि पश्चिम और इस्लाम के बीच का संघर्ष।
ट्रंप का रविवार का संबोधन सऊदी अरब की 2 दिवसीय यात्रा का मुख्य हिस्सा था। राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप की ये पहली विदेश यात्रा है। 50 अरब और मुस्लिम नेताओं की बैठक में उन्होंने क्षेत्र में अमेरिका की भूमिका पर गौर करने की मांग की जिसका लक्ष्य आतंकवाद का खात्मा करना है जिसमें मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक सुधारों के प्रचार पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना नहीं है।
ट्रंप ने कहा कि हम यहां भाषण देने के लिए नहीं हैं। हम यहां दूसरे लोगों को ये बताने के लिए नहीं हैं कि कैसे जिएं, क्या करें या कैसे उपासना करें। इसके बजाए हम यहां सभी के लिए एक बेहतर भविष्य के निर्माण में साझा हितों और मूल्यों पर आधारित साझेदारी करने के लिए हैं।
ट्रंप की रियाद में उत्साहपूर्वक मेजबानी की गई है, जहां सत्तारूढ़ शाही परिवार ने अपने क्षेत्रीय शत्रु ईरान पर उनके कड़े रुख का स्वागत किया। ट्रंप ने क्षेत्र में 'विनाशकारी गतिविधियां और अराजकता' फैलाने के लिए ईरान की आलोचना की। उनकी टिप्पणी पर जोर देते हुए सऊदी अरब के सुल्तान सलमान ने कहा कि ईरानी शासन वैश्विक आतंकवाद का नेतृत्व कर रहा है। वहीं एक खबर के मुताबिक ट्रंप ने ईरान को अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग करने की अपील की है। (भाषा)