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ट्रम्प के पहुंचते ही खराब हुआ एस्केलेटर, UN भाषण से पहले टेलीप्रॉम्प्टर बंद, फिर किया भारत-पा‍क जंग रुकवाने का दावा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (00:03 IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को UN महासभा को संबोधित किया। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में विश्व नेताओं को संबोधित किया। यह ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में उनका पहला संबोधन था।इसमें उन्होंने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान की जंग रुकवाने का दावा किया। ट्रम्प जब भाषण देने UN हॉल में जा रहे थे, तभी एस्केलेटर बंद हो गया। इसके बाद जब उन्होंने भाषण की शुरुआत की तो टेलीप्रॉम्प्टर खराब हो गया। ट्रंप के भाषण दौरान एक रोचक मोमेंट तब आया जब रूसी डिप्लोमेट मोबाइल में ट्रम्प के भाषण का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे।
टेलीप्रॉम्प्टर खराब होने का जिक्र
ट्रंप ने अपने संबोधन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में टेलीप्रॉम्प्टर के काम न करने की आलोचना से की। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "संयुक्त राष्ट्र में मुझे एक एस्केलेटर मिला जो ऊपर जाते समय बीच में ही बंद हो गया। अगर प्रथम महिला की हालत ठीक नहीं होती, तो वह गिर जातीं, लेकिन उनकी हालत बहुत अच्छी है। हम दोनों अच्छी हालत में हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि और फिर एक टेलीप्रॉम्प्टर जो काम नहीं कर रहा था। संयुक्त राष्ट्र से मुझे यही दो चीजें मिलीं, एक खराब एस्केलेटर और एक खराब टेलीप्रॉम्प्टर। बहुत-बहुत शुक्रिया।
 
जानिए भाषण में क्या कहा 
 
7 युद्धों को रुकवाने का किया दावा
संयुक्त राष्ट्र में अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाया था। ट्रंप ने विश्व के नेताओं के समक्ष यह बात कही। ट्रंप ने संघर्षों को समाप्त करने में "मदद करने का प्रयास तक नहीं करने" के लिए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की। ट्रंप ने कहा, ‘‘इसी तरह, केवल सात महीनों में, मैंने सात ऐसे युद्ध समाप्त करवाये हैं..।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जिन युद्धों को समाप्त करने में उन्होंने मदद की, वे दशकों से चल रहे थे। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने सात युद्ध समाप्त करवाये, जिनमें अनगिनत लोग मारे गए हैं। इसमें कंबोडिया-थाईलैंड, कोसोवो-सर्बिया, कांगो-रवांडा, पाकिस्तान-भारत, इजराइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया तथा आर्मेनिया-अजरबैजान युद्ध शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसमें सभी शामिल थे। किसी भी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने, और किसी भी अन्य देश ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। मैंने यह सिर्फ़ सात महीनों में कर दिखाया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।" 10 मई को, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल’’ संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने लगभग 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘घटाने’ में मदद की है।
 
भारत लगातार करता रहा है इंकार
भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी संसद में स्पष्ट कह चुके हैं कि किसी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा था।
 
संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की
राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र के मंच से विश्व नेताओं के समक्ष पहले संबोधन में ट्रंप ने ‘‘इन संघर्षों को समाप्त करने में कोई भी सहायता प्रदान करने में विफल रहने’’ के लिए संयुक्त राष्ट्र की कड़ी आलोचना की।उन्होंने कहा, "यह बहुत बुरा है कि संयुक्त राष्ट्र के बजाय मुझे ये काम करने पड़े। और दुख की बात है कि इन सभी मामलों में संयुक्त राष्ट्र ने किसी भी मामले में मदद करने की कोशिश तक नहीं की। मैंने सात युद्ध समाप्त करवाए, इनमें से प्रत्येक देश के नेताओं से बात की, फिर भी मुझे संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक भी फोन कॉल नहीं आया जिसमें समझौते को अंतिम रूप देने में मदद की पेशकश की गई हो।"
 
ट्रंप ने कहा कि उस समय उन्होंने इसके बारे में नहीं सोचा था, क्योंकि वे लाखों लोगों की जान बचाने और इन युद्धों को रोकने के लिए काम करने में "बहुत व्यस्त" थे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा "लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि संयुक्त राष्ट्र हमारे लिए उपलब्ध नहीं था। मैंने इस बारे में वास्तव में घटना के बाद सोचा, इन वार्ताओं के दौरान नहीं, जो आसान नहीं थीं।’’
नोबेल की फिर जताई इच्छा
ट्रंप ने कहा कि इन सभी युद्धों को समाप्त करने और अब्राहम समझौते पर बातचीत करने के बाद भी अमेरिका को कोई श्रेय नहीं मिला। उन्होंने कहा, "हर कोई कहता है कि मुझे इन सभी उपलब्धियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। लेकिन मेरे लिए, असली पुरस्कार वे बेटे-बेटियां होंगे जो अपने माता-पिता के साथ बड़े होंगे क्योंकि अब लाखों लोग अंतहीन और अपमानजनक युद्धों में नहीं मारे जा रहे हैं। मुझे पुरस्कार पाने की नहीं, बल्कि जान बचाने की परवाह है। हमने सात युद्धों में लाखों लोगों की जान बचाई है, और हम कुछ और युद्धों को रूकवाने पर काम कर रहे हैं।’’
 
व्लादिमीर पुतिन के बारे में क्या कहा
ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन-रूस के युद्ध को रोकने के लिए भी अथक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सात युद्धों को रूकवाने का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे लगा था कि (रूस के) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं, इसलिए यह सबसे आसान होगा। लेकिन आप जानते हैं, युद्ध में, आप कभी नहीं जानते कि क्या होने वाला है। हमेशा कई आश्चर्य होते हैं, अच्छे और बुरे दोनों।"
 
व्हाइट हाउस की टीम चला रही थी टेलीप्रॉम्प्टर
ट्रम्प ने भाषण की शुरुआत में कहा था कि उनका टेलीप्रॉम्प्टर खराब हो गया है। ट्रम्प ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा- टेलीप्रॉम्प्टर खराब है तो क्या, इससे दिल से बोलने का मौका मिलता है। लेकिन जो इसे चला रहा है, उसकी नौकरी खतरे में है। एक UN अधिकारी ने बताया कि टेलीप्रॉम्प्टर को व्हाइट हाउस की टीम चला रही थी, न कि UN। ट्रम्प के भाषण के बाद UN महासभा की अध्यक्ष एनालेना बेयरबॉक ने कहा- हमें कई सवाल मिल रहे हैं, लेकिन चिंता न करें, UN के टेलीप्रॉम्प्टर बिलकुल ठीक काम कर रहे हैं।  एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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