वॉशिंगटन। कोरोनावायरस के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के प्रभावी न होने के बढ़ते सबूत के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा के इस्तेमाल का एक बार फिर बचाव करते हुए कहा कि कई चिकित्सकाकर्मी उनसे सहमत हैं कि मलेरिया की यह दवा वायरस से संक्रमण के शुरुआती चरण में कारगर है।
ट्रंप ने मई में कहा था कि व्हाइट हाउस के चिकित्सकों से सलाह करने के बाद वे रोजाना हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक ले रहे हैं। स्मरण रहे, इस दवा का बड़े पैमाने पर निर्माण भारत में होता है और भारत ने लाखों टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक अमेरिका भेजी है।
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि मुझे इस (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) में विश्वास है और मैं इसे लूंगा। जैसा कि आपको पता है कि मैंने 14 दिन के लिए इसे लिया था और मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि शुरुआत में (संक्रमित होते ही) यह काम करती है। मेरा मानना है कि अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कई चिकित्सक कर्मियों का भी यही मानना है।
उन्होंने कहा कि यह बात हमें पता है कि यह एक दवा है। यह सुरक्षित है और इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली। मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। मुझे अच्छा या खराब या कुछ अलग कैसा भी महसूस नहीं हुआ। मैंने इसका इस्तेमाल किया। इससे मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ। उम्मीद करता हूं कि इससे किसी ओर को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि वायरस का इलाज करने में इस दवा के कारगर होने के कोई सबूत नहीं है और नियामक इसके इस्तेमाल से हृदय संबंधी परेशानी होने को लेकर भी आगाह कर चुके हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस से अभी तक 1,50,000 लोगों की जान जा चुकी है और 44 लाख लोगों से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं। (भाषा)