बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं के साथ होने वाले अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले हिंदुओं पर हमले किए गए, उन्हें मारा पीटा गया और अब नवरात्रि के दिनों में हिंदुओं को दुर्गा पूजा मनाने पर रोक लगा दी गई है। कई जगह देवी मां की मूर्तियों को तोडा गया है। यह सब तब हो रहा है जब नोबेल सम्मानित मोहम्मद यूनुस के हाथों में बांग्लादेश की कमान है।
बता दें कि मोहम्मद यूनुस के आने के बाद कभी हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है तो कभी बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अब दुर्गा पूजा नहीं मनाने देने के लिए हिंदुओं को मजबूर किया जा रहा है।
मां की मूर्तियां तोड़ी : बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर बवाल मचा हुआ है। हिंदुओं को दुर्गा पूजा नहीं मनाने दिया जा रहा है और कई जगहों पर मां की मूर्तियां तोड़ी गई हैं। देश की मोहम्मद यूनुस सरकार और मुस्लिम संगठनों ने दुर्गा पूजा के लिए हिंदुओं को परमिशन देने से इनकार कर दिया है। उनकी दलील यह कि सुरक्षा के इंतजाम अच्छे नहीं हैं और हमले का खतरा बना हुआ है। वहीं, जिन्हें अनुमति मिली है, उन पूजा कमेटियों को नमाज के दौरान शांति बनाए रखने को कहा गया है। यानी नमाज के दौरान न तो पूजा हो सकती है और न ही भजन बज सकता है।
मंदिरों के दानपात्र लूटे : यह फरमान ऐसे समय पर आया है, जब देश के कई इलाकों से दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़े जाने की खबरें आ रही हैं। गुरुवार तड़के किशोरगंज के बत्रिश गोपीनाथ जीउर अखाड़ा में मां दुर्गा की एकदम नई प्रतिमा तोड़ी गई। वहीं, बांग्लादेश के कोमिला जिले में एक नवनिर्मित दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया गया और मंदिर के दान पात्र को लूट लिया गया। नारायण जिले के मीरापारा में दो दिन पहले कट्टरवादियों ने एक दुर्गा मंदिर पर हमला किया था।
जजिया कर लगाया जा रहा : रिपोर्ट में सामने आया है कि पूजा समितियों को 9 अक्टूबर से शुरू हो रही दुर्गा पूजा से पहले लिखित में 5 लाख रुपए प्रति पूजा पंडाल जजिया कर के रूप में देने को कहा गया है। जजिया कर के चलते पहले ही बहुत बड़ी संख्या में समितियों ने पूजा का आयोजन नहीं करने का फैसला किया है।
भारत से क्यों पंगा ले रहा बांग्लादेश : बता दें कि बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से यह देश लगातार भारत से पंगे ले रहा है। बता दें कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने बुधवार को पांच राजदूतों को वापस बुलाने का ऐलान किया है, जिनमें पड़ोसी देश भारत में तैनात राजदूत भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने ब्रसेल्स, कैनबरा, लिस्बन, नई दिल्ली और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन में तैनात राजदूतों को ढाका लौटने का आदेश दिया है।
Edited by Navin Rangiyal