ब्रिटेन यूरोपीय संघ (यूरोपीय यूनियन) से अलग होगा या उसके साथ रहेगा, इसके लिए गुरुवार को जनमत संग्रह शुरू हो चुका है। भारत समेत दुनियाभर के देशों की निगाहें इस जनमत संग्रह के फैसले पर टिकी हैं, जिसके नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे।
वर्ष 2015 के चुनावों के दौरान पीएम डेविड कैमरन ने ब्रेक्ज़िट (ब्रिटेन एक्ज़िट - ब्रिटेन का ईयू से बाहर निकलना) को लेकर वर्ष 2017 खत्म होने से पहले जनमत संग्रह कराने का वादा किया था। लेबर और कंजरवेटिव दोनों ही पार्टी में ऐसे नेता मौजूद हैं, जो इसके पक्ष और विपक्ष में हैं।
जनमत संग्रह पर ताज़ा हाल यह है कि मतदान गुरुवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे शुरू हो गया है, जो रात को 10 बजे तक जारी रहेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन चाहते हैं कि ब्रिटेन ईयू से बना रहे और वे लोगों से इस पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि लोग EU में रहने के लिए ही वोट करें। कहा कि अगर गलत तरीके से EU से अलग हुए तो हमारी इकोनॉमी खतरे में पड़ जाएगी।
जनमत संग्रह पर ताज़ा जानकारी
तुर्की ने ईयू के साथ जनमत मुद्दे पर नई बात के लिए सहमति दी : तुर्की ने कहा कि यह नई मेंबरशिप पर बात के लिए तैयार है। यह बातचीत अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है।
जनतम संग्रह में कुत्ते दिखे : ब्रेक्जिट से भी अधिक ट्वीटर पर #dogsatpollingstations ट्रेंड कर रहा है।
नाएजेल फरेज ने कहा उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया। यूकिप लीडर नाएजेल फरेज ने संभवत: मजाक किया होगा कि उन्होंने अभी तक कैसे वोट करें पर फैसला नहीं लिया है।
निऑल होरान ने ब्रिटेन वासियों से वोट करने की प्रार्थना की : बैंड के सदस्य और गायक निऑल होरान ने ट्वीट कर अपने प्रशंसकों को अपने वोट अधिकार का प्रयोग करने के लिए कहा।
देशांतरण ब्रेक्जिट गूगल सर्च पर सबसे पर सबसे ऊपर : गूगल ट्रेंड ने देखा कि ईयू जनमत के मुद्दे पर इंटरने पर 31 मई से 7 जून तक क्या सबसे अधिक सर्च किया गया। इसका जवाब था माइग्रेशन। इसे लोगों ने सबसे अधिक बार खोजा।
जनमत संग्रह शुरू होने के बाद मुद्रा बाज़ार में डॉलर के मुकाबले पाउंड कमज़ोर हुआ। टोक्यों के बाज़ार में भी गिरावट के साथ कारोबार शुरू हुआ।
जनमत संग्रह के एक दिन पहले तक ब्रिटिश मीडिया ने इस मुद्दे को इस तरह पेश किया जैसे कि यह ब्रिटेन के लिए आज़ादी की लड़ाई हो।
लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। जनमत संग्रह ब्रिटेन के लिए आज पहली प्राथमिकता है।
यह जनमत संग्रह यूरोपीय देशों के साथ साथ पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। इस जनमत संग्रह से प्रभावित होकर अन्य यूरोपीय देश भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने यहां जनमत संग्रह करवा सकते हैं।
अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की नज़र से देखें तो इसके काफी मायने हैं। ब्रिटेन में 800 इंडियन कंपनियां हैं। यूके के ईयू से बाहर होने पर इनके कारोबार पर असर पड़ेगा, क्योंकि इसमें ज्यादातर यहां रहकर ओपन यूरोपियन मार्केट में बिजनेस करती हैं।