इस्लामाबाद। पाकिस्तान के जाने में शास्त्रीय गायक उस्ताद बड़े फतेह अली खान का कल निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। पाकिस्तान के समाचार पत्र 'डॉन' के मुताबिक उस्ताद फतेह का निधन यहां के पीआईएमएस अस्पताल में हुआ। पिछले 10 दिनों से उनका इस अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार फतेह अली खान को लाहौर में सुपूर्द-ए-खाक किया जाएगा। ख्याल, ठुमरी और कव्वाली से गायकी के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाने वाले उस्ताद बड़े फतेह अली खान के पाकिस्तान के अलावा भारत, अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और पश्चिम एशिया में भी बड़ी संख्या में भी प्रशांसक हैं।
पटियाला घराने से संबद्ध उस्ताद फतेह अली खान गायक अमानत अली खान और हामिद अली खान के छोटे भाई थे। अमानत अली खान के साथ उनकी कमाल की जुगलबंदी बनी थी। वे अपने परिवार की छठी पीढ़ी के शास्त्रीय गायक थे। वर्ष 1935 में पंजाब के पटियाला (भारत) में जन्मे उस्ताद बड़े फतेह अली खान किशोर अवस्था में ही अपनी गायकी का लोहा मनावाया था। 1969 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ने 'प्राइड ऑफ पर्फोर्मेंस मेडल से नवाजा था।
वे जाने-माने शास्त्रीय और रॉक गायक शफकत अमानत अली के चाचा थे। उनके निधन पर शोक जताते हुए शफकत ने उनकी तस्वीर को ट्वीट करते हुए कल कहा कि उस्ताद फतेह अली खान साहेब के निधन से पटियाला घराने में हम सभी के लिए एक युग का अंत हुआ। चार सौ से ज्यादा राग और गानों में आवाज देने वाले उस्ताद फतेह अली खान का सबसे लोकप्रिय गाना 'मोरा पिया मो से बोले ना' था। (वार्ता)