पांच अगस्त को कैलिफोर्निया में फिल्म ‘डॉक्टर बाय हार्ट’ का प्रीमियर होने जा रहा है। फिल्म का लेखन, निर्देशन भारतीय मूल की महिला निर्देशिका डॉ. रानु सिन्हा ने किया है। अमेरिका के बाद इस फिल्म का जल्द ही भारत में भी प्रदर्शन होगा। ‘अरेंज टू लव’ के बाद डॉ. रानु की यह दूसरी फिल्म है।
यह फिल्म पंजाब के फगवाड़ा में जन्मे एक ऐसे युवक की कहानी है जो आज अमेरिका का एक प्रख्यात हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। नाम है रोमेश जापरा। एक साधारण परिवार में जन्मे डॉ. रोमेश जापरा आज अमेरिका में अपने कामयाब सफ़र के साथ-साथ फेस्टिवल ऑफ ग्लोब (FOG) के जरिए भी बड़ी पहचान रखते हैं।
उन्होंने फेस्टिवल ऑफ़ ग्लोब की 25 साल पहले स्थापना की थी। फॉग का यह रजत जयंती वर्ष है, अमेरिका में भारतीयों को एकजुट रखने की कोशिशों का यह फेस्टिवल अब नई उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ रहा है। डॉ. रोमेश जापरा के मुताबिक, फेस्टिवल ऑफ ग्लोब ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अपने 25 साल के सफ़र में सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास की दृष्टि से एक सूत्र में बांधने और उनकी प्रगति के लिए काम किया है। मुझे खुशी है कि रजत जयंती वर्ष में डॉ. रानु के सुझाव के अनुरूप मेरे जीवन को उन्होंने अपनी फिल्म का हिस्सा बनाया है। उम्मीद है, मेरे संघर्ष की ये कहानी नई जनरेशन को नई रोशनी दे सकेगी।
डॉ. रानु के मुताबिक, 1 घंटे 10 मिनट की यह बायोपिक डॉ. रोमेश जापरा के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित है। इसमें सच्चे संकल्पों और ठोस इरादों की प्रेरित करने वाली कहानी है। डॉ. रानु ने अपनी इस दूसरी फिल्म में भी कई नए कलाकारों को मौका दिया है। इस मकसद के साथ कि अमेरिका में रह रहे भारत और दूसरे देशों के नए कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिये।फिल्म की निमार्ण से जुड़ी फॉग की रितु माहेश्वरी ने कहा, सैट पर कलाकारों का जोश और तालमेल देखते ही बनता था। सभी ने मिलकर फिल्म में कमाल का काम किया है। वतन से हज़ारों मील दूर अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया है।