लाहौर। पाकिस्तान की सरकारी हवाई सेवा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईएस) के पांच ऐसे पायलट कार्यरत थे, जिनकी शैक्षिक योग्यता मैट्रिक भी नहीं थी।
पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने यह खुलासा शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष किया। प्राधिकरण ने न्यायालय को बताया कि सात पायलटों ने फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर पीआईए में नौकरी हासिल की। इनमें से पांच तो ऐसे थे जिन्होंने मैट्रिक तक भी शिक्षा हासिल नहीं की थी।
तीन सदस्यीय पीठ के एक सदस्य न्यायाधीश एजाजुल अहसान ने टिप्पणी की कि मैट्रिक तक की शिक्षा प्राप्त करने वाला व्यक्ति बस तक नहीं चला सकता, लेकिन मिडिल पास लोगों ने हवाई जहाज उड़ाकर यात्रियों के जीवन को खतरे में डाला।
डान न्यूज के अनुसार मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ सरकारी हवाई सेवा में कार्यरत पायलट और अन्य कर्मचारियों की डिग्री प्रामाणिकता से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
सीएए के कानूनी सलाहकार ने न्यायालय को बताया कि शैक्षिक बोर्डों और विश्वविद्यालयों के डिग्री प्रामाणिकता प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने से अधिकारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वकील ने यह भी कहा कि पीआईए पायलट, केबिन क्रू और अन्य कर्मचारियों का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में देरी भी करती है।
पीआईए के अधिकारी ने न्यायालय को बताया कि कम से कम 50 कर्मचारियों को शिक्षा से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर निलंबित भी किया गया। (वार्ता)