इस्लामाबाद/ नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदू एवं सिखों पर मजहब के आधार पर अत्याचार अनवरत जारी है और हर साल एक हजार से अधिक महिलाओं का अपहरण करके उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता परिषद की वर्ष 2020 की रिपोर्ट में यह तथ्य रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की नाबालिग लड़कियों पर अत्याचार एवं हिंसा लगातार जारी है। हिंदू, सिख एवं ईसाई समुदाय की युवतियों को अगवा करके बलपूर्वक इस्लाम में उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। हर साल करीब एक हजार युवतियों को इस तरह इस्लाम में लाया जा रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस अक्सर इन मामलों की समुचित तहकीकात नहीं करती है। हाल के कुछ माह के दौरान सिख समुदाय में ऐसे 55 से अधिक मामले सामने आए हैं। बीते महीनों में सिख ग्रंथियों के परिवारों की नाबालिग लड़कियों को अगवा किया गया और जबरन इस्लाम कबूलने को मजबूर किया गया।
इनमें गत वर्ष ननकाना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी की पुत्री जगजीत कौर का मामला पता चला था जबकि हाल ही में गुरुद्वारा पंजा साहिब के ग्रंथी की बेटी बुलबुल कौर को भी अगवा किया गया है।
पाकिस्तान में सिख समुदाय में इन घटनाओं से गहरा आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने नाबालिग लड़कियों के अपहरण एवं बलपूर्वक धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन और पैदल मार्च किया है, पर पाकिस्तान सरकार की ओर से अब तक कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाए गए हैं।(वार्ता)