वॉशिंगटन। पूर्व शीर्ष भारतीय-अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली ने कहा कि चीन भोले-भाले अमेरिका और उसके नेताओं को पिछले कई दशक तक छलता रहा और ट्रंप प्रशासन अब अपनी मजबूत हिंद-प्रशांत रणनीति से जान रहा है कि उसके असली दोस्त कौन हैं।
संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरिका की पूर्व राजदूत ने ‘अमेरिका भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच’ (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा डिजिटल रूप से आयोजित तीसरे भारत-अमेरिकी नेतृत्व शिखर वार्ता में मंगलवार को कहा कि अमेरिकियों को पता है कि भारतीय उनके लिए खतरा नहीं हैं और अब भारतीयों के लिए अपनी सफलता की कहानी साझा करने का समय है।
अमेरिका रणनीतिक महत्व वाले हिंद-प्रशांत में भारत पर बड़ी भूमिका निभाने के लिए जोर डाल रहा है जिसे कई देश क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं। हेली ने कहा, चलिए देखते हैं कि चीन ने यह किया कैसे। चीन बहुत रणनीतिक था।
यह बहुत सोचा-समझा था और अमेरिका बहुत सीधा-सादा था। अमेरिका के नेताओं ने सोचा कि अगर वह चीन के साथ अच्छे रहेंगे, अगर वह चीन के लिए दरवाजे खोलेंगे तो वह पश्चिम की तरह ज्यादा बनेगा और चीन ज्यादा लोकतांत्रिक होगा।
मास्टरकार्ड के सीईओ एवं अध्यक्ष अजय बांगा की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा सोचना दोनों पक्ष- रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेताओं की तरफ से था, सभी का मानना था कि अगर अमेरिका चीन के प्रति अच्छा रहेगा तो गठबंधन हो सकता है।
पूर्व राजनयिक ने कहा कि अमेरिका को समझना होगा कि चीन साम्यवादी बने रहना चाहता है और वे नहीं बदलने वाले। उन्होंने कहा, इस हिंद-प्रशांत रणनीति के माध्यम से आगे बढ़ते हुए अमेरिका सीख रहा है कि उसके असल दोस्त कौन हैं। जब आप देखेंगे तो हां यह भारत निकलेगा। लेकिन अब भारतीयों को दिखाने की जरूरत है कि वे सामने आएं और दिखाएं कि वे असल में कैसे हैं।
इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, जब लोग किसी भारतीय कारोबार या भारतीय प्रोफेसर या डॉक्टर से टकराते हैं तो उन्हें उनकी गर्मजोशी, बुद्धिमत्ता और उनका वास्तविक रूप दिखता है और वे इस बारे में और जानना चाहते हैं। हेली ने कहा, अमेरिकियों को भारतीयों से खतरा नहीं लगता है और वे मानते हैं कि भारतीय हमारे देश को बेहतर बनाते हैं।(भाषा)