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फ्रांस की सुरक्षा एजेंसियों पर उठ रहे सवाल

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, शनिवार, 10 जनवरी 2015 (13:19 IST)
पेरिस। पेरिस में बुधवार को एक पत्रिका के कार्यालय पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से देश की खुफिया और आतंकवादरोधी एजेंसियों के कामकाज पर सवाल उठने लगे हैं।
 
अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व निदेशक जनरल माइकेल हेडन का कहना है कि जब भी आतंकवाद की कोई बड़ी वारदात होती है तो सबसे पहला काम सुरक्षा एजेंसियां पुराने रिकॉर्ड को खंगालने का करती हैं।
 
यह हालत कमोबेश सभी देशों की है। फ्रांस में भी ऐसा ही हो रहा है। पता लगाया जा रहा है कि किन संदिग्ध लोगों ने पिछले कुछ दिनों में क्या किया, कहां गए और किन लोगों से संपर्क साधा?
 
हेडन के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में इतने सारे फ्रांसीसी नागरिक विदेशों में आना-जाना कर चुके हैं और जेहादी संगठनों से संपर्क साधा है कि सरकार के लिए इन सबकी जानकारी आनन-फानन में जुटा पाना बेहत मुश्किल है।
 
सीआईए के एक अन्य पूर्व अधिकारी ब्रूस रिडल के अनुसार इन लोगों में से यदि किसी ने कोई गैरकानूनी कार्रवाई नहीं की है, तब तो ऐसे लोगों को पकड़ना भी पुलिस के लिए मुश्किलभरा काम है। सिर्फ यह कहकर किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता कि वह जेहादियों का समर्थक है। इसमें एक पेंच यह भी है कि आपको यह पता नहीं चल सकता कि कब कोई जेहादी समर्थक खुद बंदूक उठा ले।
 
सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पेरिस हमले में जिन आतंकवादियों का हाथ होने का पता चला है, उनके रिकॉर्ड यह बताते हैं कि उनमें से एक यमन गया था और वहां तालिबान से जुड़े एक संगठन से प्रशिक्षण लिया था। सवाल यह है कि इस तरह फ्रांस के कई नागरिक इराक में कई आतंकी संगठनों से संपर्क में हैं। सबको ढूंढ पाना सरकार के लिए मुश्किलभरा काम है।
 
पेरिस में जो कुछ हुआ उसके बाद से अकेले फ्रांस ही नहीं, बल्कि पूरा पश्चिमी जगत चिंतित है। इस पूरे घटनाक्रम की एक प्रतिक्रिया यह हुई है कि फ्रांस में आव्रजन के नियम और सख्त बनाने तथा विदेशियों को बाहर निकालने की मांग उठने लगी है।
 
विदेशी मूल के कई नागरिक जो सामान्य जीवन जी रहे हैं और किसी तरह की गलत गतिविधियों में नहीं हैं, उन पर भी लोगों को शंका होने लगी है यानी कि सब कुछ असहज हो रहा है।
 
हालांकि यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि किसी भी आतंकवादी घटना के बाद जब भी छानबीन की गई तो हमेशा ही इसमें ऐसे लोगों के शामिल होने का पता चला जिनके नाम पहले से पुलिस रिकॉर्ड में कहीं न कहीं मौजूद थे।
 
ऐसे में एक बात बिलकुल साफ है कि संदिग्ध लोगों पर हमेशा कड़ी नजर रखना जरूरी है। इसमें किसी भी तरह की कोताही के आगे गंभीर परिणाम हो सकते हैं। (वार्ता) 
 

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