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आकाशगंगा में गामा-रे बाइनरी का पता लगा

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वॉशिंगटन , शुक्रवार, 30 सितम्बर 2016 (17:55 IST)
वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने नासा की फर्मी गामा-रे अंतरिक्ष दूरदर्शी का इस्तेमाल करते हुए पास की एक आकाशगंगा में पहले गामा-रे बाइनरी का पता लगाया है, जो अब तक दिखी सबसे चमकदार गामा-रे बाइनरी है।
एलएमसी-पी3 नाम वाली दोहरी तारा प्रणाली में एक बड़ा तारा होता है और एक तारे का आंतरिक भाग होता है जिनके परस्पर मिलने से बहुतायत में गामा किरणें निकलती हैं। गामा किरणें प्रकाश का सर्वाधिक उर्जा वाला रूप होती हैं।
 
अमेरिका में नासा के गॉडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में प्रमुख शोधकर्ता रॉबिन कॉर्बेट ने कहा कि फर्मी ने हमारी अपनी आकाशगंगा में केवल 5 ऐसी प्रणालियों का पता लगाया है इसलिए इतनी चमकदार और सुदूर प्रणाली का पता लगना थोड़ा उत्साहजनक है। 
 
कॉर्बेट के मुताबिक गामा-रे बाइनरी बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि गामा-रे के परिणाम हर कक्षा में अहम तरीके से बदलते हैं। इस दुर्लभ प्रणाली में या तो एक न्यूट्रॉन या एक ब्लैक होल होता है और गामा किरणों के रूप में अपनी अधिकतर ऊर्जा का विकिरण कर देता है। (भाषा)
 

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