ब्रसेल्स। सर्च इंजन गूगल को उस समय बड़ा झटका लगा जब योरपीय संघ ने उस पर 17500 करोड़ का जुर्माना लगा दिया। कंपनी पर 'भरोसे के हनन' के लिए यह जुर्माना लगाया गया है।
यूरोपीय प्रतिस्पर्धा आयोग की प्रमुख मार्गेट वेस्टेगर ने कहा कि गूगल ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन के रूप में अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग किया और अपनी ही शॉपिंग सेवा को गैरकानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया।
गूगल पर जुर्माना लगाते हुए ईयू ने कहा कि गूगल ने जो किया वह ईयू के एंटीट्रस्ट नियमों के खिलाफ है। इसने अन्य कंपनियों को पात्रता के आधार पर प्रतिस्पर्धा और नवोन्मेषण से रोका। कंपनी ने यूरोप के उपभोक्ताओं को सेवाओं के उचित विकल्प और नवोन्मेषण के पूर्ण लाभ से वंचित किया।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ईयू के इस फैसले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाराज हो सकते हैं और इसका सीधा असर दोनों के संबंधों पर भी पड़ सकता है।