वॉशिंगटन। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि उसने ग्रीनकार्ड पाने के लिए जो अंक आधारित प्रणाली शुरू की है उसका एकमात्र मकसद पेशेवर तौर पर कुशल विदेशी कर्मचारियों का हित है। इससे जहां एक तरफ कुशल पेशेवरों को फायदा होगा वहीं कमजोर और बिना कुशलता वाले लोगों को यह हतोत्साहित करेगा। व्हाइट हाउस ने एक बयान में यह बात कही है।
ट्रंप प्रशासन की तरफ से यह बयान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक विधेयक का समर्थन करने की बात कहने के एक दिन बाद आया है। इस विधेयक के पारित होने पर अमेरिका पहुंचने वाले वैध आव्रजकों की संख्या घटकर आधी रह जाएगी। इसमें 'पात्रता आधारित' प्रणाली का पक्ष लिया गया है जिसमें कि अंग्रेजी बोलने वाला कुशल कर्मचारियों को वहां का निवासी होने की अनुमति दी जाएगी।
राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर ने बुधवार को व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने परिवार आधारित आव्रजन को भी सीमित करने का प्रस्ताव किया है। अब परिवार में केवल पत्नी और नवजात बच्चे ही शामिल होंगे।
मिलर ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही है। उन्होंने कहा कि अंक आधारित प्रवेश प्रणाली ऐतिहासिक कदम है। ट्रंप ने अपने भाषणों में अंक आधारित प्रणाली के बारे में चर्चा की है। अंक आधारित इस प्रणाली में यह देखा जाएगा कि आवेदक को अंग्रेजी बोलनी आती है अथवा नहीं, कुछ अन्य कारकों की भी इसमें जांच हो सकेगी। (भाषा)