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मुझे न्यूयॉर्क बम हमले का संदिग्ध समझा जा सकता था : हरिंदर

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हमें फॉलो करें Harinder Singh
न्यूयॉर्क , बुधवार, 21 सितम्बर 2016 (12:16 IST)
न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी में सप्ताहांत में हुए बम धमाकों के मामले में वांछित व्यक्ति को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले सिख अमेरिकी ने कहा कि उसे इस बात का डर था कि उसकी आस्था को लेकर लोगों की मिथ्या धारणाओं के कारण उसे अपराधी समझा जा सकता था।
 
51 वर्षीय हरिंदर सिंह बैंस ने कहा कि उन्हें बम हमलों के लिए जिम्मेदार अफगान मूल के अमेरिकी 28 वर्षीय अहमद खान रहामी को पहचानने के लिए नायक कहलाया जाना पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने वही किया, जो कोई और अमेरिकी करता।
 
लिंडन स्थित एक बार के मालिक बैंस ने कहा कि मैंने जब हमलों के बारे में सुना और जब मुझे यह एहसास हुआ कि संदिग्ध बार के बाहर दरवाजे पर सो रहा है तो मैंने वही किया, जो किसी अमेरिकी को करना चाहिए। मैंने पुलिस बुलाई। मैं नायक नहीं हूं। पुलिस नायक है, ईएमटी नायक हैं, न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी को बुधवार को एकजुट करने के लिए काम कर रहे लोग नायक हैं। 
 
उन्होंने कहा कि एक सिख-अमेरिकी के तौर पर वे समझते हैं कि मुझे अपराधी समझा जा सकता था। मेरी आस्था मुझे सभी के लिए न्याय एवं सहिष्णुता की शिक्षा देती है और मैं जानता हूं कि मैं एक ऐसे समुदाय में रहता हूं जिसके विचार भी इसी तरह के हैं। 
 
वर्ष 1996 में चंडीगढ़ से अमेरिका पहुंचे बैंस ने कहा कि अमेरिकियों को हर हमले के बाद अपराध में लोगों की भूमिका के सबूत के आधार पर उन्हें निशाना बनाना चाहिए, न कि उनकी आस्था या उनके मूल देश या उनके बात करने के लहजे के आधार पर। 
 
बैंस ने कहा कि मैं अपने परिवार के बेहतर जीवन के लिए 20 साल पहले भारत से इस देश में आया था। मैं 4 बच्चों का पिता और एक गौरवान्वित अमेरिकी नागरिक हूं। अमेरिका उस समय सबसे मजबूत होगा, जब सभी अमेरिकी हमें बांटने का इरादा रखने वाली हिंसा के सामने मिलकर खड़े होंगे।
 
बैंस ने 19 सितंबर की सुबह रहामी को अपने बार के दरवाजे पर सोते देखा। उन्होंने बम हमलों के बाद आई टेलीविजन रिपोर्ट की मदद से रहामी का चेहरा पहचाना और पुलिस से संपर्क किया। पुलिस के वहां पहुंचने पर रहामी ने एक अधिकारी के पेट में कथित रूप से गोली मारी और इसके बाद पुलिस एवं संदिग्ध के बीच हुई मुठभेड़ के बाद रहामी को गिरफ्तार किया गया।
 
बैंस ने पहले कहा था कि उन्हें लगा था कि रहामी उस व्यक्ति से काफी मिलता-जुलता है जिसकी तस्वीर टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही है।
 
बैंस ने इसके बाद पुलिस को बुलाया लेकिन उन्होंने पुलिस को तत्काल यह नहीं बताया कि रहामी उनके स्टोर के सामने है। उन्होंने शुरुआत में पुलिस को बताया कि उनके बार के सामने मौजूद एक व्यक्ति थोड़ा संदेहास्पद लग रहा है और वह मुझे ठीक प्रतीत नहीं हो रहा और पुलिस को आकर जांच करनी चाहिए।
 
इसके 5 मिनट बाद पुलिस आ गई और इस बीच बैंस ने रहामी पर नजर रखी, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि वह वही व्यक्ति है, जो बम विस्फोटों के मामले में वांछित है। उन्होंने कहा कि मैं केवल एक आम नागरिक हूं। मैंने वही किया, जो हर नागरिक को करना चाहिए। असली नायक पुलिसकर्मी हैं, असली नायक कानून प्रवर्तन है। (भाषा)
 

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