भारत में जन्मे और पिछले दो दशकों से अमेरिका में रह रहे साहित्यकार, सलमान रुश्दी की हत्या के इस वर्ष 12 अगस्त को हुए प्रयास ने उन्हें गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाई है।
जर्मनी के फ़्रैंकफ़र्ट शहर मे हर वर्ष अक्टूबर महीने में लगने वाले दुनिया के एक सबसे बड़े पुस्तक मेले में सलमान रुश्दी की लिखी पुस्तकें भी प्रदर्शित थीं। उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए उनके एजेंट एंड्रयू वायली फ़्रैंकफ़र्ट आए थे। स्पेनी दैनिक 'एल पाईस' के साथ बातचीत में वायली ने बताया कि आततायी ने अपने चाकू से सलमान रुश्दी को बहुत अधिक घायलकर दिया है। कमर से ऊपर उनके धड़ पर 15 घाव लगे हैं।
एंड्रयू वायली के अनुसार, सबसे दुखद और गंभीर बात यह है कि रुश्दी की एक आंख की ज्योति अब नहीं रही। उनका एक हाथ भी अब लुंज हो गया है। वे उसका उपयोग नहीं कर सकते। यानी, रुश्दी अपनी एक आंख से न कुछ देख सकते हैं और न एक हाथ से कोई काम कर सकते हैं। उनकी जान बच गई, यही सबसे बड़ी बात है। रुश्दी के एजेंट ने यह नहीं बताया कि रुश्दी अपनी किस आंख और किस हाथ का उपयोग नहीं कर सकेंगे। संभवतः उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह भी नहीं बताया कि वे इस समय कहां हैं।
स्मरणीय है कि गत 12 अगस्त को सलमान रुश्दी की हत्या का प्रयास ठीक उस समय हुआ था, जब वे न्यूयॉर्क के एक हॉल में लेखकों की कलात्मक स्वतंत्रता के बारे में बोल रहे थे। चाकू से हमले के कारण बुरी तरह घायल 75 वर्षीय रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया और कृत्रिम सांस देकर उनकी जान बचाई गई।
हत्या का प्रयास करने वाले लेबनानी मूल के 24 वर्षीय अमेरिकी नागरिक, हादी मतार ने ठान रखी थी कि रुश्दी की हत्या उसी के हाथों से होगी। वह उन्हें संभवतः इसलिए मार डालना चाहता था, क्योंकि 1988 में प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज़' (शैतानी आयतें) से क्रुद्ध हो कर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता और धर्माधिकारी, अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी को मार डालने का एक फ़तवा जारी किया था। ईरान ने यह भी घोषणा की थी कि रुश्दी के हत्यारे को 30 लाख डॉलर पुरस्कार दिया जाएगा।
1988 में फ़तवा जारी होने के बाद से अब तक 34 वर्ष बीत चुके हैं। रुश्दी अपनी जान बचाने के लिए लंबे समय तक पुलिस सुरक्षा में जीते और छिपते रहे। लेकिन समय के साथ शायद उन्होंने ही नहीं, सबने मान लिया कि फ़तवा आया-गया हो गया है। अब इतना डरने की ज़रूरत नहीं है। रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने भी स्पेनी दैनिक 'एल पाईस' से यही कहा कि 'फ़तवा जारी होने के इतने सालों बाद उन्हें सबसे बड़ा खतरा यही हो सकता था कि कोई व्यक्ति अकस्मात कहीं से निकल आए और हमला कर दे। ... आप इससे अपना बचाव नहीं कर सकते, क्योंकि यह पूरी तरह अप्रत्याशित और अतार्किक है।'
रुश्दी कैसे बच गए? : हादी मतार ने अपनी गिरफ़्तारी के बाद कहा कि उसे विश्वास नहीं हो रहा है कि रुश्दी जीवित कैसे रह गए। अमेरिकी समाचार चैनल 'एनबीसी' ने उन दिनों बताया कि पुलिस सूत्रों के अनुसार, हादी मतार ने सोशल मीडिया नेटवर्क पर 'शिया चरमपंथ के प्रति अपनी सहानुभूति' दिखाई थी। लेकिन, 18 अगस्त को अदालत में पेशी के समय उसने निर्दोष होने का दावा किया। जांचकर्ताओं ने उस पर हत्या का प्रयास करने, घातक हथियार से हमला करने और शारीरिक क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है।
एजेंट ने किया खुलासा : गर्मियों में एक कार्यक्रम में, ब्रिटिश-भारतीय लेखक पर चाकू से हमला किया गया था। उनके एजेंट ने अब खुलासा किया कि उनका स्वास्थ्य कैसा चल रहा है। दो महीने पहले चाकू से हमले के बाद, ब्रिटिश-भारतीय लेखक सलमान रुश्दी की एक आंख की ज्योति अब नहीं रही। फ्रैंकफर्ट बुक फेयर के इतर उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने स्पेनिश अखबार 'एल पाईस' को बताया कि 75 वर्षीय रुश्दी का अब एक हाथ भी पंगु हो गया है। रुश्दी के धड़ पर '15 अन्य घाव' हैं, वायली ने कहा।
'यह एक क्रूर हमला था।' उन्होंने लेखक के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। 'वह बच जाएगा,' एजेंट ने कहा। यही सबसे महत्वपूर्ण है। 12 अगस्त को न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा में एक कार्यक्रम में सलमान रुश्दी पर एक व्यक्ति ने चाकू से हमला किया था। सार्वजनिक उपस्थिति में लेखक को कलात्मक स्वतंत्रता के बारे में बोलना चाहिए। हमले के बाद 75 वर्षीय रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया और शुरुआत में कृत्रिम सांस दी गई।
वायली अक्सर अपने मुवक्किल से इस तरह की हत्या की संभावना के बारे में बात करता था। 'फतवा लगाए जाने के इतने सालों बाद उन्हें सबसे बड़ा खतरा यह था कि कोई यादृच्छिक व्यक्ति कहीं से भी दिखाई देगा और हमला करेगा।' वायली ने आगे कहा कि आप इसके खिलाफ अपनी रक्षा नहीं कर सकते क्योंकि यह पूरी तरह अप्रत्याशित और अतार्किक है।
खुमैनी ने जारी किया था मौत का फतवा : रुश्दी को दशकों से धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा सताया गया है। 1980 के दशक की शुरुआत में साहित्यिक सफलताओं के बाद, ब्रिटेन ने 1988 में 'द सैटेनिक वर्सेज' प्रकाशित किया - उनका अब तक का सबसे विवादास्पद काम।
तत्कालीन ईरानी अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने रुश्दी को मारने के लिए एक फतवा जारी किया था। ईरान को छोड़कर इस्लामिक सम्मेलन के संगठन के सभी सदस्य देशों ने इस फैसले का विरोध किया। बाद में उसके सिर पर 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम रखा गया। ब्रिटेन को पुलिस सुरक्षा मिली और वह छिप गया।
रुश्दी के खिलाफ हत्या का प्रयास : कथित अपराधी ने 'दोषी नहीं' का अनुरोध किया। अगस्त में हुए हमले के सिलसिले में पुलिस ने कैलिफोर्निया के फेयरव्यू के हादी मटर नाम के 24 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक मकसद की शुरुआत में पुष्टि नहीं हुई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कथित अपराधी ने सोशल नेटवर्क पर 'शिया चरमपंथ के प्रति सहानुभूति' दिखाई थी, अमेरिकी समाचार चैनल एनबीसी ने बताया।
18 अगस्त को, मटर अदालत में पेश हुआ और दोषी नहीं होने का अनुरोध किया। जांचकर्ताओं ने 24 वर्षीय पर दूसरी डिग्री की हत्या का प्रयास करने, घातक हथियार से हमला करने और शारीरिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से आरोप लगाया। पश्चिम में रुश्दी पर हमले ने गर्मियों में आतंक फैला दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने व्हाइट हाउस के एक बयान में हिंसा की निंदा की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी कहा कि रुश्दी ने 33 वर्षों तक 'अस्पष्टता के खिलाफ लड़ाई' को मूर्त रूप दिया है। उनकी लड़ाई हमारी लड़ाई है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala