Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जानिए अमर बनाने वाले गांव का राज...

Advertiesment
हमें फॉलो करें जानिए अमर बनाने वाले गांव का राज...
, गुरुवार, 30 जून 2016 (18:55 IST)
टैक्सॉस। मनुष्य को हमेशा से ही अमर बनने की चाह रही है। इस अमरत्व को पाने के लिए वह कुछ भी कर सकता है। इसके लिए कई प्रयोग भी किए जा रहे हैं। ऐसी एक टाइमशिप बिल्डिंग बन रही है जिसमें करीब 50 हजार शवों पर परीक्षण कर उन्हें जीवित करने का प्रयोग किया जा रहा है।
यह टाइमशिप बिल्डिंग दुनिया का सबसे बड़ा क्रायोप्रिजर्वेशन (कम तापमान पर मानव शव को सहेज कर रखना) सेंटर है। इस सेंटर में हजारों शवों को रखा गया है, इस उम्मीद से कि इनमें एक दिन जीवन आ जाएगा। मनुष्य के आयु बढ़ाने के लिए यहां सेल्स, टिश्यू पर भी प्रयोग किए जा रहे हैं। मनुष्य का सपना हमेशा युवा और अमरता पाने के लिए रहा है, वह चाहता है कि उसका शरीर हमेशा यौवन रहे।  
 
टाइमशिप बिल्डिंग में मनुष्य के इसी अमरता के सपने को साकार करने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। कई वर्षों की योजनाओं, निर्माण के बाद आखिकार टाइमशिप बिल्डिंग को बनाया गया है जिसमें हजारों शवों को रखा गया है कि इन्हें मृत्यु से वापस जीवित किया जा सकेगा। 
   
युवा वैज्ञानिकों के मुताबिक यह जगह 'क्रायोप्रिजर्वेशन का मक्का' बनने वाली है, जहां दुनिया में सबसे बड़ा निर्माण होगा, मानव जीवन को बढ़ाने और क्रायोप्रिजर्वेशन पर कार्य होगा। 
 
इस टाइमशिप बिल्डिंग का निर्माण पुरस्कार प्राप्त स्टीफन वेलेंटाइन द्वारा किया गया है। स्टीफन वेलेंटाइन के मुताबिक यह बिल्डिंग सिर्फ शवों के रखने की जगह नहीं होगी, बल्कि यहां बायलॉजिकल मटेरियल्स जिसमें सेल्स, ऑर्गन्स और टिश्यूज सहेज कर रखें जा सकेंगे। वेलेंटाइन के मुताबिक यह परियोजना मानव को भविष्य की ओर आसानी से ले जाएगी। 
 
क्या है क्रायोप्रिजर्वेशन :  इस प्रक्रिया का उद्देश्य जब संभव हो सके तब ऐसे मरीजों को ठीक किया जा सके जिन्हें तत्कालीन दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता। यह एक प्रक्रिया है जिसमें कम तापमान में मानव और पशुओं को संरक्षित किया जाता है। 
 
इस प्रक्रिया के दौरान बर्फ का प्रयोग कर इन अंगों को रखा जाता है। इस प्रक्रिया में लांग टर्म मेमोरी, व्यक्त्वि और मानव मस्तिष्क के लिए सेल्स को पैटर्न को संरक्षित किया जाता है। इन्हें बचाकर रखा जाए और बाद में उपयोग में लाया जाए, तो इसका अर्थ कोई भी अपने मस्तिष्क में प्रभावी तौर पर 'समय की यात्रा' कर सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अंडर 19 विश्व कप में एक बार खेलने से रूकेगी उम्र की हेराफेरी : राहुल द्रविड़