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इमरान की पार्टी पर विदेशों से मिले चंदे की जानकारी छुपाने की कोशिश का आरोप

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, बुधवार, 5 जनवरी 2022 (13:41 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तकरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश के निर्वाचन आयोग को विदेशी नागरिकों एवं कंपनियों से मिली निधि की पूरी जानकारी नहीं दी और अपने खातों संबंधी जानकारी भी छुपाई। मीडिया की खबर में निर्वाचन आयोग द्वारा संकलित एक रिपोर्ट के हवाले से बुधवार को यह दावा किया गया।

 
'डॉन' समाचार पत्र ने 'स्क्रूटनी कमेटी ऑफ द इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान' (ईसीपी) द्वारा संकलित रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ दल ने वित्त वर्ष 2009-10 और वित्त वर्ष 2012-13 के बीच 4 साल की अवधि में 31 करोड़ 20 लाख पाकिस्तानी रुपए के चंदे संबंधी जानकारी छुपाई। समाचार पत्र के अनुसार वार्षिक जानकारी से खुलासा हुआ कि केवल वित्त वर्ष 2012-13 में करीब 14 करोड़ 50 लाख डॉलर कम राशि बताई गई।
 
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा समिति को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पास 26 बैंक खाते थे। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 से 2013 के बीच पार्टी ने ईसीपी को 1.33 अरब पाकिस्तानी रुपए की धनराशि की जानकारी दी थी जबकि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक एसबीपी की एक रिपोर्ट में वास्तविक राशि 1.64 अरब पाकिस्तानी रुपए थी। पार्टी ने ईसीपी को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में 3 बैंक के ब्योरे का भी खुलासा नहीं किया।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में करीब 1,414 कंपनियों, 47 विदेशी कंपनियों और 119 संभावित कंपनियों ने खान की पार्टी को चंदा दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे अमेरिका से भी 23 लाख 44 हजार 800 डॉलर मिले थे लेकिन समिति पार्टी के अमेरिकी बैंक खातों तक नहीं पहुंच सकी। पार्टी को यह निधि देने वालों में 4,755 पाकिस्तानी, 41 गैर-पाकिस्तानी और 230 विदेशी कंपनियां शामिल हैं।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के अलावा खान की पार्टी को दुबई, ब्रिटेन, यूरोप, डेनमार्क, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी निधि मिली, लेकिन समिति को इन लेन-देन की जानकारी नहीं दी गई। सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को एक बैठक में जांच समिति की रिपोर्ट को 'गलत' करार दिया और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी जैसे विपक्षी राजनीतिक दलों के खातों की भी जांच किए जाने की मांग की।
 
'डॉन' समाचार पत्र ने बताया कि ईसीपी ने 9 महीनों के बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विदेशी चंदे संबंधी मामले की सुनवाई शुरू की थी और इसी दौरान यह रिपोर्ट पेश की गई थी। इस मामले में आगे की सुनवाई 18 जनवरी को होगी।

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