लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सोमवार को लाहौर हाईकोर्ट में पेश हुए, जिसने निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर हिंसक प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने वाली जमानत दे दी। इस दौरान, अदालत परिसर के अंदर नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जहां अपने नेता के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए खान के सैकड़ों समर्थक उमड़ पड़े थे।
पिछले साल निषिद्ध वित्तपोषण मामले में खान (70) को निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किये जाने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था।
न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख ने मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी खान की जमानत अर्जी की सुनवाई के लिए उन्हें अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति अली बकर नजाफी की अध्यक्षता में उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने खान को तीन मार्च तक के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने संबंधी जमानत दे दी।
अधिकारी ने कहा कि खान अदालत में पेश हुए और बताया कि वह पिछले हफ्ते ही पेश होना चाहते थे, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी क्योंकि उनके पैर के घाव भरने में दो हफ्ते से अधिक समय लग सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों के लिए उनके मन में सदा ही सम्मान की भावना रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नाम में भी इंसाफ शब्द शामिल है।
अदालत ने खान को 3 मार्च तक के गिरफ्तारी से संरक्षण देने वाली जमानत दे दी और पुलिस एवं किसी अन्य एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया है।
जमानत नामंजूर होने की स्थिति में संघीय गठबंधन सरकार के निर्देश पर खान को गिरफ्तार करने के लिए अदालत परिसर में संघीय जांच एजेंसी और पुलिस की एक टीम मौजूद थी।
पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रांत में एक रैली के दौरान हुए हमले में उनके पैर में गोली लगने के बाद अदालत में वह पहली बार पेश हुए।
टेलीविजन फुटेज में देखा जा सकता है कि अदालत की ओर बढ़ रहे खान के काफिले पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई जा रही हैं। हजारों की संख्या में उनके समर्थक वाहनों के दोनों ओर खड़े थे और खान के समर्थन में नारे लगा रहे थे।
अदालत परिसर में पहुंचने के बावजूद खान अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण तय समय सीमा के अंदर अदालत कक्ष में नहीं पहुंच सके। नीले रंग की सलवार कमीज पहने खान अपने वाहन से स्थानीय समानुसार शाम सवा सात बजे उतरे और कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत कक्ष में पहुंचे। अदालत ने उन्हें शाम पांच बजे तक उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
हजारों की संख्या में लोग हाईकोर्ट के बाहर एकत्र थे। हाईकोर्ट के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
इस्लामाबाद स्थित एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले हफ्ते मामले में उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था। भाषा Edited By : Sudhir Sharma