पेरिस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस जी-7 शिखर सम्मेलन से अलग अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस मुलाकात में ट्रंप कश्मीर का मामला उठा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। कश्मीर मामले पर बौखलाया पाकिस्तान चाहता है कि डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मामले को लेकर मध्यस्थता करें।
भारत सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि कश्मीर तो हमारा अंदरुनी मामला है ही, अब अगर पाकिस्तान से कोई बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके पर होगी। इसके बाद से पाकिस्तान के मन में यह डर बैठा हुआ है कि भारत पीओके को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है।
जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के बड़े फैसले के बाद अब इमरान खान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को लेकर डरे हुए हैं, इसलिए वे अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में स्पष्ट कर दिया था पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) और अक्साई चिन सहित सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
पाकिस्तान की कोशिश है कि अमेरिका इस मामले में थानेदारी करे, क्योंकि अब पाकिस्तानियों को लग रहा है कि अब भारत से द्विपक्षीय बातचीत का कोई एजेंडा ही नहीं बचा है।
ट्रंप को भले ही अफगानिस्तान से निकलने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की जरूरत महसूस हो रही है, लेकिन पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सामने यह स्पष्ट कर चुके हैं कि कश्मीर मामले में न किसी तीसरे पक्ष की जरूरत है और न ही किसी समझौते की कोई गुंजाइश है।