लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने 6 साल पुराने मानहानि के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका खारिज कर दी है। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान के खिलाफ 6.1 करोड़ डॉलर का मानहानि का यह मामला दर्ज कराया था। बाद में शहबाज की ओर से दायर मानहानि याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी (इमरान) ने उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए हैं।
इमरान ने मामले में उन्हें 'जवाब देने के अधिकार' से वंचित करने से संबंधित लाहौर की सत्र अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चौधरी मुहम्मद इकबाल ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इमरान की याचिका खारिज कर दी और सत्र अदालत का फैसला बरकरार रखा।
इससे पहले सत्र अदालत ने कहा था कि 70 वर्षीय इमरान ने शहबाज द्वारा उठाई गईं आपत्तियों पर समय पर जवाब देने में नाकाम रहने के कारण 'जवाब देने या विरोध करने' का अपना अधिकार खो दिया है। इमरान ने अप्रैल 2017 में आरोप लगाया था कि शहबाज ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में लंबित पनामा पेपर मामले को वापस लेने के लिए उन्हें (इमरान को) एक साझा मित्र के माध्यम से 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 10 अरब पाकिस्तानी रुपए) की पेशकश की थी।
इमरान ने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया था जिसने उन्हें शहबाज की तरफ से कथित तौर पर 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी। बाद में शहबाज की ओर से दायर मानहानि याचिका में कहा गया था कि प्रतिवादी (इमरान) ने उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए हैं।
शहबाज ने आरोप लगाया था कि इमरान ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने अदालत से इस मामले में मुआवजे के रूप में 6.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर वसूलने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था। वर्ष 2017 में पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य घोषित कर दिया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta