यूसुफ के लिए वह दिन किसी अन्य दिन की तरह ही था जब हाथ में बंदुक लिए ओमर मटीन ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर 49 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उसकी गोलियां तभी रुकीं, जब पुलिस ने उसे मार गिराया।
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इंडियाटाइम्स में छपी न्यूज के अनुसार, 24 वर्षीय इमरान यूसुफ जो ऑर्लेंडो (फ्लोरिडा) के पल्स नाइटक्लब में बाउंसर के तौर पर काम करते थे, ने 60 से भी अधिक लोगों की जान बचाई।
मृतकों की संख्या ज्यादा भी हो सकती थी परंतु एक आदमी की तत्परता से दर्जनों पार्टी में शामिल होने वालों की जान बच गई। जब मटीन ने कुछ ही गोलियां दागी थीं, यूसुफ एक पूर्व अमेरिकन मरिन, को पता चल गया है कि यह अतिशक्तिशाली बंदूक है।
यूसुफ ने, एक हिंदु आदमी और उनके भाई अमीर ने छह साल तक अमेरिका की नौसेना में सेवाएं दी थीं और अफगानिस्तान के साथ युद्ध में भाग लिया था। तुरंत निर्णय लेते हुए यूसुफ ने एक ऐसे कमरे का दरवाजा खोल दिया जहां पार्टी में आए लोगों ने खुद को बंद कर लिया।
यूसुफ ने कूदकर उस दरवाजे को खोला और करीब 60-70 लोग उसमें अंदर चले गए। यूसुफ को जब हीरो बुलाया जाता है तो वे दुखी होकर कहते हैं कि काश वे और जानें बचा पाते।