ढाका। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि भारतीय तटरक्षक बल अंडमान सागर में उन रोहिंग्या शरणार्थियों की नौका की तलाश में मदद कर रहा है जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे सागर में भटक गए हैं और वे कई दिनों से भूखे-प्यासे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नौका 2 सप्ताह पहले बांग्लादेश से रवाना हुई थी और इसके बाद यह सागर में खराब हो गई। संयुक्त राष्ट्र एवं मानवाधिकार समूहों ने बताया कि नौका पर सवार करीब 90 शरणार्थियों की हालत बेहद खराब है। उनके परिवारों को आशंका है कि उनमें से कई लोगों की मौत भी हो चुकी होगी।
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने बुधवार को कहा कि उसे इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि नौका कहां हैं? एजेंसी ने सोमवार को निकटवर्ती देशों से यह पता लगाने का आग्रह किया था कि नौका कहां है, साथ ही कहा था कि यदि नौका मिल जाती है तो वह उसे मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है।
नौका पर सवार 25 वर्षीय युवक की मां नसीमा खातून ने कहा कि वह अपने बेटे को लेकर चिंतित है। खातून ने कहा कि हे भगवान, मेरे बेटे समेत नौका में बचे सभी लोगों को अपने चमत्कार से बचा लो। उन्हें कहीं किनारे पर ले जाओ। उन्होंने कहा कि क्या मेरा बेटा जीवित है? क्या भूखे रहने के कारण उसे कुछ हो तो नहीं गया? वह केवल 4 लीटर पानी अपने साथ लेकर गया था।
रोहिंग्या संकट पर नजर रखने वाली 'अराकान परियोजना' के निदेशक क्रिस लेवा ने कहा कि उन्होंने सुना है कि नौका पर सवार कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए यूएनएचसीआर क्षेत्रीय ब्यूरो की प्रवक्ता कैथरीन स्टबरफील्ड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी भारतीय तटरक्षक बल की तलाश एवं बचाव टीम तैनात किए जाने की सराहना करती है। भारतीय तटरक्षक बल के प्रवक्ता पीएन अनूप ने कहा कि उनके पास बताने के लिए अभी कुछ भी नहीं है। (भाषा)